

New Delhi : नौकरीपेशा लोगों के लिए राहत की खबर है. इनकम टैक्स विभाग ने ITR फाइलिंग को और आसान बना दिया है. अब Pre-Filled ITR के जरिए टैक्स फाइलिंग में न केवल समय बचेगा, बल्कि गलतियों की गुंजाइश भी कम होगी. हर साल की तरह इस बार भी विभाग ने फॉर्म-1 से लेकर फॉर्म-4 तक की यूटिलिटीज जारी कर दी हैं. विभाग का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स फाइल करें और प्रक्रिया को आसान बनाकर लोगों की भागीदारी बढ़ाई जाए.

क्या है Pre-Filled ITR?
Pre-Filled ITR फॉर्म में पहले से आपकी जानकारी भरी होती है, जैसे
- व्यक्तिगत विवरण: नाम, पैन, पता, मोबाइल नंबर
- आय का विवरण: सैलरी (फॉर्म 16 से), ब्याज (फॉर्म 26AS, AIS से)
- डिविडेंड इनकम, कैपिटल गेंस, टैक्स बचत (धारा 80C, 80D)
- टीडीएस/टीसीएस की जानकारी भी खुद भरी रहती है
जांच और सत्यापन जरूरी
भले ही फॉर्म पहले से भरा हो, लेकिन टैक्सदाता को जरूरी है कि वह हर जानकारी की जांच और वेरिफिकेशन करे. जैसे:
- FD का ब्याज
- म्यूचुअल फंड से डिविडेंड
- 80C या 80D की कटौती
सत्यापन के बिना अधूरी मानी जाएगी फाइलिंग
ITR दाखिल करने के बाद उसका सत्यापन जरूरी है. यह आधार OTP, नेट बैंकिंग, या अन्य डिजिटल माध्यम से किया जा सकता है. बिना सत्यापन के फाइल अधूरी मानी जाएगी. इनकम टैक्स विभाग ने ITR फाइल करने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है, लेकिन विशेषज्ञ समय से पहले फाइलिंग की सलाह देते हैं.
