Jamshedpur. सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर रविवार को दोपहर 2 बजे आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक आत्मदाह का प्रयास किया. लेकिन पुलिस बल की तत्परता से आत्मदाह को विफल कर दिया गया. आंदोलनकारी कार्यकर्ता ज्वलनशील पदार्थ को अपने शरीर में डालने ही वाले थे कि पुलिस बल ने उनके हाथों से ज्वलनशील पदार्थ को छीन लिया. उसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर परसुडीह थाने में लाया गया. देर शाम कागजी कार्रवाई के बाद सभी को छोड़ दिया गया.
आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर आगमन पर आदिवासियों को सरना धर्म कोड देने की घोषणा करने की मांग की थी. सेंगेल दिशोम परगना सोनाराम सोरेन ने कहा कि भारत के 15 करोड़ आदिवासियों को सरना धर्म कोड न देकर उनके साथ धोखेबाजी की जा रही है. इतनी बढ़ी आबादी को संवैधानिक पहचान नहीं देना एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को धार्मिक पहचान नहीं दिये जाने से अन्य समुदाय के लोग उन्हें जबरन व प्रलोभन देकर अपने धर्म को शामिल करा रहे हैं. अगर निरंतर यही होता रहा तो आने वाले समय में इस धरती से आदिवासियों का वजूद मिट जायेगा. आदिवासी समाज सरना धर्म कोड के लिए मुखर होकर आंदोलन को जारी रखेगा.