Ranchi. सुप्रीम कोर्ट ने झामुमो नेता निर्मल महतो की हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस अभय एस अोका व जस्टिस उज्जल भुईंया की खंडपीठ ने मामले में प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद झारखंड के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता अाभास परिमल ने खंडपीठ को बताया कि तीन जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने रिमिशन में दो माह में छोड़ने का निर्देश दिया था, लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का अनुपालन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया है. अब तक प्रार्थी को जेल से नहीं छोड़ा गया है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मामला बनता है. प्रार्थी 22 वर्षों से जेल में सजा काट रहा है.
जमशेदपुर के चमरिया गेस्ट हाउस के समीप आठ अगस्त 1987 को निर्मल महतो की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. 18 नवंबर 1987 को इस मामले की जांच सीबीआइ को साैंपी गयी थी. वर्ष 2001 में धीरेंद्र सिंह व 2003 में नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित की गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में पूर्व सांसद सूरज मंडल की सूचना पर बिष्टुपुर थाना में केस दर्ज किया गया था. निर्मल महतो हत्याकांड में नरेंद्र सिंह उर्फ पंडित सहित तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनायी गयी थी. वीरेंद्र सिंह की जेल में सजा काटने के दौरान मौत हो चुकी है.