नयी दिल्ली. टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी 2030 तक अपनी परिचालन क्षमता को दोगुना कर 32 गीगावाट करने के लिए करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है. सिन्हा ने तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में कंपनी के सेल मॉड्यूल संयंत्र में संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में टाटा पावर की स्थापित क्षमता 15.6 गीगावाट थी, जिसमें से 6.7 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की थी.
कंपनी के 2030 के लक्ष्यों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य परिचालन क्षमता को 31.9 गीगावाट तक बढ़ाना है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 23 गीगावाट होगी. सिन्हा ने कहा कि टाटा पावर ऊर्जा क्षेत्र में इस क्षेत्र के लिए देश के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पारेषण क्षेत्र में भी काम कर रही है. कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी पारेषण लाइन क्षमता को 4,633 सीकेएम (सर्किट किलोमीटर) से बढ़ाकर 10,500 सीकेएम करने की है.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि वितरण मार्चे पर टाटा पावर का लक्ष्य ग्राहक आधार को 1.25 करोड़ से चार करोड़ तक पहुंचना है.
टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2025-30 के लिए 1,46,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है. चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 21,000 करोड़ रुपये और अगले वित्त वर्ष के लिए 26,000 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा, ‘‘ इस दौरान हमारा 60 प्रतिशत पूंजीगत व्यय नवीकरणीय ऊर्जा पर खर्च किया जाएगा.’ सिन्हा ने साथ ही बताया कि तमिलनाडु में सेल एवं मॉड्यूल संयंत्र की स्थापना इसकी अनुषंगी की अनुषंगी कंपनी टीपी सोलर लिमिटेड के जरिये 4,300 करोड़ रुपये के निवेश से की गई है.
इस 317 एकड़ क्षेत्र में फैली इकाई की क्षमता 4.3 गीगावाट सेल और 4.3 गीगावाट मॉड्यूल विनिर्माण की है. उन्होंने कहा कि यह इकाई देश में एक ही स्थान पर सबसे बड़ी सेल और मॉड्यूल विनिर्माण सुविधाओं में से एक है.
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