Jamshedpur. टाटा स्टील के कर्मचारियों को ग्रेड रिवीजन समझौते के लिए इंतजार करना पड़ेगा. चीन के स्टील की वजह से फिलहाल स्टील उद्योग मंदी है. ऐसे में टाटा वर्कर्स यूनियन ग्रेड रिवीजन समझौता नहीं करना चाहता है. यूनियन का तर्क है ऐसे समय में समझौता करने से कर्मचारियों को पूर्व के समझौते की तरह लाभ नहीं मिल सकेगा. पिछले दो समझौते को देखा जाए तो हर समझौता डेढ़ से दो साल के बाद ही हुआ है.
पिछला ग्रेड रिवीजन समझौता तत्कालीन यूनियन अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद एंड टीम द्वारा 21 माह विलंब से 23 सितंबर 2019 को हुआ था. इससे पहले तत्कालीन यूनियन अध्यक्ष पीएन सिंह की अगुवाई में 2012 में ग्रेड रिवीजन समझौता हुआ था. अंतिम ग्रेड रिवीजन सात वर्षों के लिए हुआ था, जिसकी मियाद 31 दिसंबर 2024 को खत्म हो गई। इस समझौता के तहत कर्मचारियों को दिसंबर 2019 तक येरिएबल डीए पूर्व की तरह मिला. लेकिन एक जनवरी 2020 से कर्मचारियों को 20 स्पैन के बाद अपने ग्रेड के अंतिम बेसिक के अनुसार ही डीए मिल रहा है.
2019 के समझौते में 2012 की अपेक्षा स्टील वेज के सीटीसी (कंसर्न टू ऑपरेट) में 85 फीसदी और एनएस (न्यू सीरीज) के सीटीसी में 92 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। 2019 के समझौते के तहत कर्मचारियों के लिए कुछ नए भत्ते जोड़े गए थे.