Jamshedpur. सिंहभूम चेंबर भवन में ‘कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिये बायोचार प्रौद्योगिकी पर शुक्रवार को संगोष्ठी का आयोजन का आयोजन किया गया. इसमें Tata Steel के उपाध्यक्ष राजीव मंगल ने कहा कि बायोचार, जो जैविक अपशिष्ट से बनाया जाता है, न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सहायक है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और कृषि में सुधार करने के लिये भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने बायोचार तकनीक को पर्यावरणीय निरंतरता और औद्योगिक नवाचार का आधार मानते हुए इसे व्यवहार में लाने का सुझाव भी दिया. वह सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स में शुक्रवार को ‘बायोचार (जैविक कोयला) की अभिनव तकनीक और कार्बन उत्सर्जन में इसकी भूमिका’ पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. संगोष्ठी का उद्देश्य उद्योगों और व्यापार जगत को बायोचार तकनीक के महत्व और पर्यावरण संरक्षण में इनके अनु प्रयोगों से अवगत कराया गया. इस दौरान पर्यावरणीय और औद्योगिक उपयोगिता पर चर्चा की गयी कि कैसे उद्योग इस तकनीक को अपनाकर कार्बन फुटप्रिंट को कम कर सकते हैं.
Tata Steel के उपाध्यक्ष बोले, बायोचार तकनीक पर्यावरणीय निरंतरता और औद्योगिक नवाचार का आधार, व्यवहार में लाने की जरूरत
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