Raipur/Bijapur छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में शनिवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की घोषणा की . शर्मा ने यह भी दावा किया कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का नेता है एवं एक ठेकेदार है. हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया है कि सुरेश चंद्राकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया था. पुलिस के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) एक जनवरी की रात से लापता थे तथा शुक्रवार को उनका शव बीजापुर शहर के चट्टानपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाले परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया.
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि सुरेश चंद्राकर फरार है, जबकि उसके रिश्तेदार रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर तथा सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया गया है. गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे शर्मा ने कहा, ‘इस मामले में सुरेश चंद्राकर मुख्य आरोपी है. वह बीजापुर में कांग्रेस नेता और पार्टी का पदाधिकारी है. उसे पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीम बनाई गई हैं. उसके और अन्य आरोपियों के बैंक खाते‘फ्रीज’ करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हमने सुरेश चंद्राकर के तीन खातों को ’फ्रीज’ कर दिया है.’’
शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने आरोपी की अवैध संपत्तियों और अतिक्रमणों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है. उपमुख्यमंत्री ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर के बारे में कहा कि वह माओवाद प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में अपनी रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे और स्थानीय मुद्दों की उन्हें गहरी समझ थी. शर्मा ने कहा कि बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर 25 दिसंबर को एनडीटीवी पर दिखाया गया था और इसे मुकेश चंद्राकर की हत्या के पीछे की वजह बताई जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच उसी दिन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा शुरू की गई थी.
एनडीटीवी के लिए कर रहे थे काम
मुकेश चंद्राकर समाचार चैनल एनडीटीवी के लिए एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे तथा वह एक यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ भी चलाते थे, जिसके लगभग 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं. मुकेश चंद्राकर ने अप्रैल 2021 में बीजापुर के टेकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस घटना में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.