Jamshedpur. जमशेदपुर के शहरी इलाके के आसपास
बाघ के होने के निशान मिले हैं. इससे क्षेत्र में हड़कंप है. शहर से सटे पटमदा के कालाझोर के आसपास दलमा से सटे इलाके में बाघ को देखा गया है. यहां उसके पांव के निशान मिले हैं. इसके बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है. पिछले दिनों यह बाघ सरायकेला-खरसावां जिले से निकलकर दलमा होते हुए बंगाल चला गया था. लेकिन अब वह फिर से लौट गया है.एमजीएम थाना क्षेत्र एवं दलमा हिस्से से सटा आमबेड़ा जंगल में बाघ के पंजे के निशान मिले हैं. यह बाघ कई दिनों से बंगाल के झाड़ग्राम, बांदवान होते हुए पुरूलिया के जंगल में घुमता रहा. बताया जाता है कि उसके पांव के निशान की जांच करायी गयी है. जांच में सही पाया गया है कि वह बाघ ही है. इसके बाद वन विभाग ने क्षेत्र के लोगों को सतर्क कर दिया है. लोगों को रात के वक्त नहीं निकलने और अकेले जंगलों में नहीं जाने को कहा है. लोगों में दहशत की स्थिति है.
सोमवार शाम को पूर्वी सिंहभूम वन विभाग की पूरी टीम बंगाल सीमा से सटे इलाकों में सक्रिय थी. वन विभाग ने सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया है. वहीं बाघ के घुसने पर सीमावर्ती इलाके के दर्जनों गांवों के ग्रामीण दहशत में हैं. घाटशिला के रेंजर विमद कुमार ने एमजीएम थाना क्षेत्र के आमबेड़ा और पटमदा के कालाझोर में बाघ के पदचिन्ह देखने जाने की पुष्टि की है. रेंजर ने कहा कि सुबह बेको पंचायत के आमबेड़ा, जो दलमा से सटा है, वहां बाघ के पद चिन्ह मिले थे पर शाम होते- होते डुमकाकोचा-मिर्गीटांड़ के जंगल में बाघ के पहुंचने की बात सामने आ रही है. पर इसकी अब तक पुष्टि नहीं नहीं हुई है.
राइका घाटीहुली जंगल से पहुंचा बाघ
रविवार को बाघ पश्चिम बंगाल के झारखंड सीमा से महज तीन किमी दूर बांदवान थाना क्षेत्र के राइका घाटीहुली जंगल में बाघ था. यहां बंगाल वन विभाग द्वारा लगाये गये नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे में बाघ की आगे और पीछे से जाते हुए तस्वीर भी कैद हुई है, उक्त तस्वीर को बंगाल वन विभाग ने जारी भी किया है. बंगाल वन विभाग के सीसीएफ एस. कुलान ने बताया कि रविवार को राइका स्थित घाटीहुली जंगल में बाघ था. वहां उसकी तसवीर कैद हुई है. वहीं बाघ सोमवार सुबह सीमा पार कर झारखंड में प्रवेश कर दिया है.