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UGC Announcement: सीयूईटी-यूजी, स्नातकोत्तर में 2025 में बदलाव की संभावना, संशोधित मानदंड जल्द, यूजीसी प्रमुख ने की घोषणा

New Delhi. स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में विशेषज्ञ समिति की समीक्षा के बाद 2025 के संस्करण में कई बदलाव होने की संभावना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी. यूजीसी ने सीयूईटी-यूजी और पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है.

कुमार ने कहा, ‘‘बीते वर्षों में मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सीयूईटी देने वाले छात्रों के लिए बेहतर, अधिक कुशल और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के वास्ते परीक्षा प्रक्रिया में निरंतर सुधार करना भी आवश्यक है. इसी भावना से यूजीसी ने 2025 के लिए सीयूईटी-यूजी और सीयूईटी-पीजी के संचालन की समीक्षा के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने इसकी संरचना, प्रश्नपत्रों की संख्या, परीक्षा की अवधि, पाठ्यक्रम और परिचालन संचालन से जुड़ी आवश्यकता जैसी परीक्षा के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया है। आयोग ने हाल में एक बैठक में इन सिफारिशों पर विचार किया.

यूजीसी प्रमुख ने बताया कि आयोग जल्द सीयूईटी-यूजी और सीयूईटी-पीजी 2025 आयोजित करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों का विवरण देते हुए एक मसौदा प्रस्ताव जारी करेगा, जिसमें छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और संस्थानों से प्रतिक्रिया एवं सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे.वर्ष 2022 में परीक्षा के पहले संस्करण में सीयूईटी-यूजी तकनीकी गड़बड़ियों से ग्रस्त था. साथ ही, एक विषय के लिए कई शिफ्ट में परीक्षा आयोजित किए जाने के कारण परिणामों की घोषणा के दौरान अंकों का सामान्यीकरण करना पड़ा.

परीक्षा 2024 में पहली बार ‘हाइब्रिड मोड’ में आयोजित की गई थी. हालांकि, इसे ‘लॉजिस्टिक’ कारणों का हवाला देते हुए आयोजित होने से एक रात पहले दिल्ली भर में रद्द कर दिया गया था.कुमार ने कहा कि सीयूईटी को विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने की पक्रिया को मानकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर पेश किया गया था. उन्होंने कहा, ‘सीयूईटी ने विभिन्न शैक्षिक बोर्डों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए समान अवसर प्रदान किया है, जिससे सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित हुए हैं. पिछले साल, 283 विश्वविद्यालयों ने सीयूईटी को अपनाया और पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या 13,47,820 थी.

कुमार ने कहा, ‘‘विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके, सीयूईटी ने दाखिला प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, अलग-अलग कट-ऑफ पर निर्भरता को कम किया है और दाखिला प्रक्रिया को पारदर्शी एवं प्रौद्योगिकी-संचालित बनाया. यूजीसी प्रमुख ने सोमवार को सीयूईटी-यूजी 2024 में उत्तीर्ण होने वाले विभिन्न कॉलेजों के छात्रों के साथ संवाद किया और सीयूईटी-यूजी 2025 में संभावित बदलावों पर चर्चा की.

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