
New Delhi.वक्फ संशोधन विधेयक में बदलावों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को मंजूरी दे दी. बिल को पिछले साल अगस्त में 14 बदलावों के साथ संसद के पटल पर रखा गया था. जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा की गयी. छह महीने तक विस्तृत चर्चा के बाद हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे. यह हमारी अंतिम बैठक थी इसलिए बहुमत के आधार पर समिति द्वारा 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया है.
विपक्ष ने भी संशोधन सुझाये थे. हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और उस पर मतदान हुआ. लेकिन उनके (सुझाये गये संशोधनों) के समर्थन में 10 वोट पड़े और इसके विरोध में 16 वोट पड़े और उन्हें मंजूर नहीं किया गया. नये बिल के अनुसार, वक्फ संपत्ति पर दावा करनेवाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाइकोर्ट में अपील कर सकेगा. गौरतलब है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था. समिति के अध्यक्ष ने बैठक के बाद कहा कि समिति द्वारा अपनाये गये संशोधन कानून को बेहतर और अधिक प्रभावी बनायेंगे. हालांकि विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नष्ट करने का आरोप लगाया.
विपक्ष ने यह कहा
विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया. टीएमसी सांसद और जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी बैठक के दौरान उनकी बात नहीं सुनी गयी और जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया. उन्होंने पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद करार दिया. बनर्जी ने कहा कि उन्होंने वही तय किया, जो उन्होंने पहले से तय किया हुआ था. समिति के अध्यक्ष ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया.
