नयी दिल्ली. 20 जुलाई (भाषा) बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसा भड़कने के बाद, कुल 778 भारतीय छात्र इस पड़ोसी देश से लगी विभिन्न भूमि पारगमन बिंदुओं के जरिये स्वदेश लौटे हैं. विदेश मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबद्ध अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं. मंत्रालय ने कहा, ‘‘अब तक 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि पारगमन बिंदुओं के जरिए भारत लौटे हैं. इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के जरिए नियमित उड़ान सेवाओं के जरिए स्वदेश लौटे हैं.
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्र मांग कर रहे हैं कि शेख हसीना सरकार विवादास्पद नौकरी-कोटा प्रणाली को खत्म करे. पड़ोसी देश में कुछ सप्ताह पहले शुरू हुई झड़पों में 50 से अधिक लोग मारे गए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों की कुल संख्या लगभग 15,000 होने का अनुमान है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी में सहायता कर रहे हैं.
एक बयान में कहा गया है, ‘‘स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय में, भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा तक सुरक्षित यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए उच्चायोग और सहायक उच्चायोगों द्वारा उपाय किए जा रहे हैं.’’ बयान के अनुसार, ‘‘विदेश मंत्रालय अपने नागरिकों की सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए नागर विमानन, आव्रजन, भूमि बंदरगाहों और बीएसएफ अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहा है.’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 4,000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं तथा उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं.
नेपाल और भूटान के छात्रों को भी अनुरोध पर भारत में प्रवेश करने में सहायता की गई है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘आवश्यकतानुसार, चयनित भूमि पारगमन बिंदुओं के माध्यम से स्वदेश आने के दौरान सड़क मार्ग से उनकी यात्रा के लिए सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है.’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘ढाका में उच्चायोग बांग्लादेश के नागर विमानन अधिकारियों और वाणिज्यिक एयरलाइनों के साथ समन्वय कर रहा है ताकि ढाका और चटगांव से भारत के लिए निर्बाध उड़ान सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें, जिनका उपयोग हमारे नागरिक स्वदेश लौटने के लिए कर सकते हैं.’’