मात्र एक माह का स्कूल फीस बकाया होने पर भी पूर्वी सिंहभूम जिले के निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा 6-14 वर्ष के बच्चों को परीक्षा से वंचित करने की धमकी संबंधित मुद्दे पर निजी स्कूल प्रबंधन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का होगा मामला दर्ज अथवा मिलेगा मौन समर्थन!
जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है l
पूर्वी सिंहभूम जिले के निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस के कारण 6 से 14 वर्ष के बच्चों को वार्षिक परीक्षा से वंचित करने हेतु एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है, जिसके जिससे 6 से 14 वर्ष के बच्चे मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैंl
स्कूल प्रबंधन के इस खेल पर अभिभावकों का कहना है कि आर्थिक परेशानी के कारण वे दो-तीन माह का फीस नहीं जमा कर पाए हैं, जिसके कारण टीचर छोटे-छोटे बच्चों को क्लास में बच्चों के बीच नाम लेकर डिफॉल्टर बताती है एवं डिफॉल्टर बोलकर एडमिट कार्ड नहीं दिया जाता है, वही दूसरी ओर जिन बच्चों का फीस क्लियर रहता है उन्हें वार्षिक परीक्षा का एडमिट कार्ड दिया जाता है l
इस गंभीर मुद्दे पर कुछ अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रबंधन 3 माह का फीस एक बार अग्रिम में ही ले लेती है, ऐसे में दिसंबर 22 तक वह अपने बच्चों का फीस चुका चुके हैं अब स्कूल प्रबंधन जनवरी- फरवरी-मार्च 2023 का पैसा एक साथ अग्रिम में मांग रहे हैं, जिसे एक साथ नहीं चुका पाने के कारण उनके बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है एवं ऐसे बच्चे मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैंl
इस मुद्दे पर अभिभावकों का पूर्वी सिंहभूम जिला के उपायुक्त से आग्रह है कि निजी स्कूल प्रबंधन को यथाशीघ्र आदेश दे कि निजी स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से तीन-तीन माह का अग्रिम फीस वसूलने के बजाय मासिक शुल्क वसूल करें, जिससे अभिभावकों को स- समय स्कूल फीस चुकता करने में सुविधा रहेगी l
कुछ अभिभावकों का कहना है कि जिस भी संस्थान में वे कार्यरत हैं उनके नियोजक प्रत्येक माह का सैलरी देते हैं ना कि 3 माह का अग्रिम सैलरी देते हैं, ऐसे में वें किस प्रकार अपने बच्चों का 3 महीना का अग्रिम फीस भुगतान करेंगेl
अब देखना है कि शिक्षा विभाग एवं जिला प्रशासन नन्हे-मुन्ने बच्चों को प्रताड़ित करने के मुद्दे पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ क्या कदम उठाती है, ताकि भविष्य में पुन :छोटे-छोटे बच्चों को प्रताड़ित होने से बचाया जा सके l