लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड विधानसभा चुनाव की सरगर्मी धीरे-धीरे गति पकड़ रही है. इस क्रम में भाजपा ने नवंबर 2024 मे होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है.
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा सोमवार को महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर के लिए प्रभारी और सह प्रभारी की घोषणा कर दी गई है. इस क्रम में झारखंड का प्रभारी,केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बनाया गया है, असम के मुख्यमंत्री हिम्मत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी बनाया गया है.
झारखंड बीजेपी में भीतर घात एवं सिर फुटावल के कारण ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र 8 सीटों पर विजय हासिल हुई है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को झारखंड में कुल 11 सीट प्राप्त हुई थी .
वर्ष 2024 में हुए लोकसभा परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा कार्यकर्ता एवं झारखंड की जनता शाह एवं मोदी के थोपे हुए नेता को साइड लाइन दिखाने में सफल रहे हैं और आगे भी दुहरा सकते हैं.
लोकसभा चुनाव के पूर्व दूसरे दल से थोपे गए प्रत्याशी सीता एवं गीता चुनाव हार गई है, भाजपा में आपसी गुटबाजी एवं सिर फुटवल के कारण झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके अर्जुन मुंडा भी चुनाव हार गए हैं .
यहां की जनता का कहना है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में बिना जनाधार वाले एवं सिर्फ आला-कमान के गणेश-परिक्रमा करने वाले नेता को प्रत्याशी बनाया जाएगा तो तेज तर्रार समझे जाने वाले झारखंड प्रभारी शिवराज सिंह चौहान एवं असम के मुख्यमंत्री हिम्मत बिस्वा सरमा भी चुनाव नहीं जितवा पाएंगे.
अब देखना है कि भाजपा आलाकमान लोकसभा चुनाव में प्राप्त हुए निराशाजनक प्रदर्शन को विधानसभा चुनाव में दोहराती है अथवा चोट से सबक लेकर जनाधार एवं लोकप्रिय नेता को चुनावी मैदान में उतरती है !
हालांकि झारखंड चुनाव प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी की पहचान एक लोकप्रिय नेता के रूप में है,उनके बारे में कहा जाता है कि वह पार्टी के अंदर सभी को साथ लेकर चलने पर विश्वास करते हैं .
भाजपा के उपरोक्त दोनों सफल राजनेताओं के द्वारा प्रत्याशी चयन की भूमिका ,विधानसभा चुनाव परिणाम के लिए महत्वपूर्ण होगी.
कुमार मनीष,9852225588