- कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की गाड़ी से बरामद हुई थी नकदी, 30 जुलाई 2022 को किया गया था गिरफ्तार
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने कांग्रेस के जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया. न्यायाधीश अमृता सिन्हा की पीठ ने बंगाल प्रशासन को एक सप्ताह के अंदर विधायक इरफान अंसारी से जब्त 55 लाख रुपये नकद और मोबाइल फोन लौटाने का निर्देश दिया है. हाइकोर्ट ने इस प्रक्रिया को एक सप्ताह के अंदर पूरा करने को कहा है. साथ ही, विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी का पासपोर्ट वापस लौटाने का भी निर्देश दिया है. साथ ही इसके लिए विधायक इरफान अंसारी को निचली अदालत में आवेदन करने का परामर्श दिया है.
विधायक का मोबाइल फोन पांचला थाने में है जब्त, नकद राशि को सरकार की ट्रेजरी में
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि विधायक का मोबाइल फोन पांचला थाने में जब्त कर रखा गया है और नकद राशि को राज्य सरकार की ट्रेजरी में रखा है. इसलिए नकद रुपये की वापसी के लिए अलग से संबंधित विभाग के समक्ष आवेदन करना होगा.
ऐसे हुई थी गिरफ्तारी
30 जुलाई 2022 को हावड़ा जिला पुलिस ने पांचला थाना के रानीहाटी मोड़ के पास नाका चेकिंग के दौरान एक वाहन को रोका था. वाहन में झारखंड के जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, खिजरी के कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप और कोलेबिरा के कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी सहित कुल पांच लोग मौजूद थे. पुलिस को वाहन की तलाशी के दौरान करीब 55 लाख रुपये नकद मिले थे. पुलिस ने बरामद नकद राशि के साथ विधायक इरफान अंसारी का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था.
तीनों कांग्रेस विधायकों ने इसे साजिश करार दिया था
कांग्रेस विधायकों ने इसे साजिश करार दिया था और कहा था कि झारखंड में आदिवासी दिवस के समारोह के लिए वे लोग साड़ी, फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए जर्सी खरीदने के लिए कोलकाता पहुंचे थे, लेकिन उन लोगों को साजिश के तहत फंसाया गया.
तीन सप्ताह के बाद कलकत्ता हाइकोर्ट से मिली थी जमानत
तीनों विधायकों को करीब तीन सप्ताह के बाद कलकत्ता हाइकोर्ट से जमानत मिली थी. हाइकोर्ट ने विधायक को जमानत देते वक्त उनका पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करने का निर्देश दिया था. बाद में विधायक इरफान अंसारी ने नकद, मोबाइल फोन व पासपोर्ट वापस पाने के लिए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.