नयी दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उन याचिकाओं पर बुधवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिनमें आबकारी नीति मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी किये जाने को चुनौती दी गई है और अंतरिम जमानत का अनुरोध किया गया है. केजरीवाल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने न केवल केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की गई गिरफ्तारी की आलोचना की बल्कि उन्हें मामले में जमानत पर रिहा करने का भी अनुरोध किया. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने मुहर्रम का अवकाश होने के बावजूद सुनवाई की. उन्होंने केजरीवाल और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनीं और याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. उच्च न्यायालय ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तिथि 29 जुलाई तय की है.
यह है मामला
केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जहां पर वह पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के मामले में न्यायिक हिरासत में थे. मुख्यमंत्री को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और सुनवाई अदालत ने 20 जून को उन्हें धनशोधन के मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि, सुनवाई अदालत के फैसले पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी. केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने 12 जुलाई को धनशोधन के मामले में अंतरिम जमानत दी थी. विवादास्पद आबकारी नीति को दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसे बनाने एवं लागू करने में हुई कथित अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2022 में रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के मुताबिक लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से आबकारी नीति में बदलाव कर अनियमितता की गई.