New Delhi. पिछले पांच वर्षों में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष के परिणामस्वरूप 2,853 लोगों की मौत हो गई और 2023 में ऐसे मामलों में सबसे ज्यादा 628 लोग मारे गए. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि हाथियों के हमले से 2019 में 587, 2020 में 471, 2021 में 557, 2022 में 610 और 2023 में 628 लोगों की मौत हुई.
सबसे अधिक ओडिशा में 624 की मौत
आंकड़ों से पता चलता है कि इस अवधि के दौरान ओडिशा में 624, इसके बाद झारखंड में 474, पश्चिम बंगाल में 436, असम में 383, छत्तीसगढ़ में 303, तमिलनाडु में 256, कर्नाटक में 160 और केरल में 124 मौतें हाथियों के हमले से होने वाली मौतों के रूप में दर्ज की गईं.
मंत्री ने कहा कि वन्यजीव आवासों का प्रबंधन प्राथमिक रूप से राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार जानवरों और उनके आवासों के संरक्षण तथा मानव-पशु संघर्ष से निपटने एवं बंदी हाथियों के कल्याण के लिए केंद्र प्रायोजित ‘प्रोजेक्ट टाइगर एंड एलीफेंट’ योजना के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है.