Hazaribagh. हजारीबाग के विष्णुगढ़ के कुणार डैम में बांग्लादेश का ट्रैकर डिवाइस लगा हुआ गिद्ध बरामद हुआ है. यह बात आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई की एक जासूस गिद्ध हजारीबाग में मिला है, जो काफी थका हुआ भी लग रहा है. गिद्ध की गर्दन पर बांग्लादेश का सोलर रेडियो कॉलर और जीपीएस लगा हुआ है, जिसमें कुछ विवरण अंकित हैं. हजारीबाग के कोनार डैम तक पहुंचने के लिए इस गिद्ध ने अधिकतम 921 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए करीब 1214 किमी की दूरी तय की है. गिद्ध बांग्लादेश से यह खड़गपुर, धनबाद होते हुए हजारीबाग पहुंचा है. य यात्रा उसने करीब 45 दिनों में तय की है. फिलहाल वन विभाग चोटिल गिद्ध का उपचार करा रहा है.
इसकी सूचना मिलते ही हजारीबाग जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. वहीं, सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गिद्ध को अपने संरक्षण में लेकर उसका उपचार शुरू कराया. दरअसल, कोनार डैम जमनीजारा में मछुआरों ने जाल लगा रखा था. सोमवार सुबह ग्रामीणों ने जाल में फंसे हुए गिद्ध को देखा. इसकी सूचना मछुआरों को दी गयी. मौके पर पहुंचे मछुआरों ने गिद्ध को जाल से निकाल कर वन विभाग के सुपुर्द कर दिया. वहीं, वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास कुमार उज्ज्वल ने बताया कि संरक्षण में लिये गये पक्षी के संबंध में जानकारी के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया गया. विशेषज्ञों ने इस गिद्ध की पहचान ‘व्हाइट बैक्ड वल्चर’ के रूप में की है.
यह ‘वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम-1972’ के तहत वर्ग-1 की श्रेणी में आता है. विलुप्त प्राय पक्षियों के शोध के लिए प्राधिकृत संस्था बांबे नेशनल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) से पक्षी के विषय में संपर्क करने पर पता चला कि पक्षी की रेडियो टैगिंग ‘रॉयल सोसाइटी फॉर दी प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड, यूके’ की ढाका स्थित वैज्ञानिक टीमों द्वारा की गयी है. ऐसा विलुप्त हो रहे पक्षियों के संरक्षण के लिए किया गया है. इसका उद्देश्य गंभीर रूप से संकट ग्रस्त जीवों की सतत मॉनिटरिंग करना है. इस गिद्ध की टैगिंग बीते 15 मई को की गयी थी.