New Delhi. देश में प्रत्यक्ष कर प्रशासन के शीर्ष निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग से होटल, लक्जरी ब्रांड की बिक्री, अस्पताल और आईवीएफ क्लीनिक जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन की जांच करने को कहा है. बोर्ड ने कहा कि यह जांच गैर जरूरी हस्तक्षेप के बिना होनी चाहिए. सीबीडीटी ने कर विभाग से बकाया मांगों की वसूली के लिए ठोस प्रयास करने को भी कहा है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष से तेज वृद्धि देखने को मिली है. इस संबंध में बोर्ड ने हाल में केंद्रीय कार्य योजना (सीएपी) 2024-25 जारी की है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय संस्थानों के दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन को वित्तीय लेनदेन के विवरण (एसएफटी) के जरिये बताना आवश्यक था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. बोर्ड ने आयकर विभाग से कहा है कि ऐसी रिपोर्टों की जांच करने पर पाया गया कि इन प्रावधानों का उल्लंघन व्यापक रूप से किया जा रहा है. इसमें आगे कहा गया कि उच्च मूल्य वाले उपभोग व्यय को करदाता के बारे में जानकारी के साथ सत्यापित करने की जरूरी है. विभाग ने इस संबंध में होटल, बैंक्वेट हॉल, लक्जरी ब्रांड के खुदरा विक्रेताओं, आईवीएफ क्लीनिक, अस्पताल, डिजाइनर कपड़ों की दुकानों और एनआरआई कोटा मेडिकल कॉलेज सीटें की पहचान की है, जहां इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और बड़ा नकदी लेनदेन हो रहा है.