- -केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले के बारे में जानकारी दी. 01अप्रैल, 2025 से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम
- 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा,10 साल तक नौकरी करनेवाले को 10 हजार पेंशन
New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली कैबिनेट ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले के बारे में जानकारी दी. इस योजना के तहत 25 साल तक काम करनेवालों को पूरी पेंशन दी जायेगी. अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया, तो तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. अगर किसी पेंशनभोगी को मौत होती है, तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा. अगर कोई सरकारी कर्मचारी 10 साल बाद नौकरी छोड़ देता है, तो उसे 10 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. वैष्णव ने कहा कि नयी यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. यह योजना एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी. इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन देना है. नयी पेंशन स्कीम में सुधार को लेकर डॉ सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने विस्तार से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट पेश की. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष सिर्फ ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर राजनीति करता रहा है. दुनिया भर के देशों में क्या स्कीम है, उनको देखने के बाद तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद इस कमेटी ने यूपीएस का सुझाव दिया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.
एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प, 12 महीने के औसत वेतन का कम-से-कम 50% पेंशन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प मिलेगा. यह उन सभी पर भी लागू होगा, जो एनपीएस की शुरुआत से ही इसके तहत सेवानिवृत्त हुए हैं या सेवानिवृत्त होनेवाले हैं. सरकार इसके लिए बकायदा एरियर का भुगतान करेगी, जो कर्मचारी 2004 से रिटायर हुए हैं, उनको भी इसका लाभ मिलेगा. यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा. सरकार ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया, तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. अगर किसी पेंशनभोगी को मौत होती है, तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा.