Noamundi. नोवामुंडी टाटा स्टील की बोकारो साईडिंग के बटमबिन प्लांट के मुख्य द्वार को स्थानीय ग्रामीणों ने गुरुवार की अहले सुबह से जाम कर दिया. ऐसा स्थानीय बेरोजगारों की बहाली की मांग को लेकर किया गया. प्लांट मेन गेट जाम आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त रुप से राजस्व ग्राम महूदी के मुंडा अजय लागुरी, सरबिल के मुंडा दुसा लागुरी व जामपानी के मुंडा राजकुमार नायक कर रहे थे. मुख्य द्वार को सुबह 5 बजे से दोपहर 11 बजे तक जाम कर दिया गया था. इस दौरान प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों को अंदर घुसने नहीं दिया गया, लगभग 6 घंटे तक मुख्य द्वार बंद कर दिये जाने से उत्पादन और अन्य काम ठप रहे. ग्रामिणों का आरोप है कि टाटा स्टील प्रबंधन नोवामुण्डी द्वारा सस्थानीय बेरोजगार युवाओं की उपेक्षा की जाती है, जबकि अन्य राज्यों के लोगों की बहाली बेरोकटोक की जाती है.
ग्रामीणों ने टाटा स्टील प्रबंधन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि ठेकेदारी में भी स्थानीय लोगों को अनदेखा किया जाता है और बाहरी मजदूरों से निर्माण कार्य आदि करवाया जा रहा है. इस दौरान टाटा स्टील प्रबंधन नोवामुंडी की ओर से मुख्य प्रशासक दीपक श्रीवास्तव की अगुवाई में बॉटम बिन प्लांट द्वार पर आन्दोलन कारी ग्रामीणों के साथ वार्ता हुई, इस दौरान गांव आंदोलनकारियों ने छह सूत्री मांग रखी, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों के बच्चों को टाटा स्टील प्रबंधन की ओर से आर्थिक स्थिति के मुताबिक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करायी जाय, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जाय, स्थानीय युवाओं को कम्पनी में रोजगार अथवा नौकरी में पहली प्राथमिकता दी जाय, कम्पनी में नयी बहाली की जानकारी स्थानीय ग्रामीण मुंडाओं को दी जाय, टाटा स्टील के प्रदूशित लाल पानी से हुई बंजर भूमि के लिये मुआवजा ग्रामीण मुण्डा कू अनुशंसा पर किया जाय और कम्पनी के अंंतर्गत जितने भी ठेकूदार और भेंन्डर हैं, उनकी सूची स्थानीय मुंडाओं को उपलब्ध करायी जाय. ताकि वे अपने अपने गांव के बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिला सकें.वहीं मुख्य प्रशासक श्री श्रीवास्तव ने ग्रामीणों के मांग पत्र को गंभीरता से अवलोकन किया और इस पर अमल करने के लिये आगामी सोमवार को वार्ता आयोजित किया है. इस अवसर पर मुख्य रूप से कृष्णा सिंकु, सोमराज तिरिया, प्रदीप प्रधान, अर्जून तिरिया, नरपति लागुरी, राजेंद्र लागुरी व रोया चातर आदि उपस्थित थे.