Patna. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी अशोfक चौधरी अपनी एक हालिया टिप्पणी को लेकर शनिवार को विवादों में घिर गए. उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक सीट पर जनता दल-यूनाईटेड (जद-यू) की हार के लिए भूमिहार जाति को जिम्मेदार ठहराया था. राज्य मंत्रिमंडल के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक अशोक चौधरी ने जहानाबाद जिले में भूमिहारों के बारे में यह टिप्पणी की थी, जहां वह बृहस्पतिवार को पार्टी के एक कार्यक्रम के लिए गए थे. चौधरी के भाषण का एक वीडियो क्लिप सामने आया है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘सिर्फ इसलिए कि हमने एक अत्यंत पिछड़ी जाति से उम्मीदवार खड़ा किया, भूमिहारों ने जद (यू) उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया.
यह टिप्पणी पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के संदर्भ में थी, जो चुनाव में अपनी सीट बचाने में असफल रहे और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए. इस टिप्पणी की जद (यू) की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने भी आलोचना की. उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘भूमिहार सिर्फ एक जाति नहीं है. वे एक ऐसी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो जमीन से जुड़ी हुई है. समाज का कोई भी शुभचिंतक इस समुदाय के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करेगा.’
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा, ‘अशोक चौधरी, जो कुछ साल पहले तक हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्हें इस तरह का विभाजनकारी बयान देने के लिए शर्म आनी चाहिए. यह जद (यू) की संस्कृति का भी प्रतिबिंब है, जो बिहार में सत्ता में है और केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार में साझेदार है.’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘नीतीश कुमार का यह स्वभाव है कि वे उन लोगों पर अपना गुस्सा निकालते हैं, जो उन्हें लगता है कि जद (यू) के समर्थन में नहीं हैं.’
राजद नेता यादव ने कहा, ‘एक मंत्री भूमिहारों पर हमला बोल रहे हैं. इससे पहले एक सांसद ने कुशवाहा, मुस्लिम और यादवों के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी.’उनका इशारा कुछ महीने पहले सीतामढ़ी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले देवेश चंद्र ठाकुर की टिप्पणी से छिड़े विवाद की ओर था.
इस बीच, विधान पार्षद और जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार, जो खुद भूमिहार जाति से हैं, ने चौधरी को याद दिलाया कि उन्होंने ‘जद (यू) के गठन में कोई भूमिका नहीं निभाई.’ एक अन्य वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस टिप्पणी को निजी हैसियत से की गई टिप्पणी के तौर पर लेना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि ‘नीतीश कुमार जाति के आधार पर बिना किसी से भेदभाव किए सभी का ख्याल रखते हैं.’
चौधरी ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा, ‘मैंने अपना क्षोभ व्यक्त किया कि अपनी जाति का उम्मीदवार नहीं होने के कारण जद (यू) के भीतर कुछ लोगों ने पार्टी के लिए काम नहीं किया.’ उन्होंने अपनी बेटी शांभवी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं भूमिहारों के बारे में बुरा कैसे बोल सकता हूं? मेरा दामाद उसी जाति से है.’ शांभवी समस्तीपुर से सांसद हैं, जिनकी शादी आईपीएस अधिकारी से धार्मिक नेता बने आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल से हुई है.