New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि बीएड डिग्री प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति की योग्यता नहीं है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें बीएड डिग्रीधारक उम्मीदवारों की प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में की गयी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था. पिछले साल जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 21ए और शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत भारत में प्राथमिक शिक्षा के मौलिक अधिकार में न केवल 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा शामिल है, बल्कि ऐसे बच्चों को दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी शामिल है. बीएड डिग्री धारक प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने के लिए आवश्यक बुनियादी शैक्षणिक सीमा को पार नहीं कर पाते हैं. लिहाजा वे प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं होंगे. पीठ ने मौखिक टिप्पणी की कि उसका आदेश पूरे देश में लागू होगा.
Supreme Court Dicision: बीएड डिग्रीधारक नहीं बन सकते प्राथमिक शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट बोला
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