Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने रांची में 23 अगस्त को हेमंत सरकार के खिलाफ भाजयुमो की आक्रोश रैली को लेकर लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. प्रार्थियों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने अंतरिम आदेश देते हुए प्रार्थियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी.
साथ ही राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई अक्तूबर में होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान, शिवानी जालूका ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि भाजयुमो के कार्यकताओं की रैली शांतिपूर्ण थी. रैली में शामिल लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बाैछार की और लाठीचार्ज किया. इसके बावजूद कार्यकर्ता शांत रहे. फिर भी पुलिस ने लालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं को आरोपी बना दिया है. अधिवक्ता श्री पल्लव ने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया.
वहीं, राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद व अधिवक्ता शाहबाज अख्तर ने जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद ढुलू महतो, सांसद आदित्य प्रसाद, सांसद प्रदीप कुमार वर्मा, नेता विपक्ष अमर कुमार बाउरी, विधायक नीरा यादव, कुशवाहा शशि भूषण, अपर्णा सेनगुप्ता, कर्मवीर, प्रतुल शाहदेव, शशांक राज, सत्येंद्र नाथ तिवारी, मंगल मूर्ति तिवारी, अमित कुमार, अमरदीप यादव, आरती कुजूर, वरुण कुमार, इंदु शेखर मिश्रा ने याचिका दायर की है. उन्होंने लालपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है. मामले को लेकर लालपुर थाना में कांड संख्या-203/2024 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें 51 नामजद सहित 12000 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.