Ranchi. झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने उच्च न्यायालय को यह बताया है कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन सरकार अपने ‘वोट बैंक’ के लिए इस बात को नकार रही है. केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ के समक्ष बृहस्पतिवार को दायर हलफनामे में कहा कि बांग्लादेशी अवैध रूप से साहेबगंज और पाकुड़ जिले के रास्ते झारखंड में घुस आए हैं.
इसमें कहा गया कि आदिवासियों के ‘ज्यादा धर्मांतरण करने और कम जन्म दर’ के कारण जनजातीय आबादी में ‘काफी कमी’ आई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वे लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहे हैं लेकिन झामुमो नीत गठबंधन सरकार घुसपैठ के खतरे से इनकार करती रही है.
अमर बाउरी ने भाजपा के राज्य मुख्यालय में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, ”झामुमो नेतृत्व वाली सरकार वोट बैंक और तुष्टिकरण की नीति के लिए झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने में लगी हुई है. बाउरी ने कहा, ‘केंद्र के अनुसार 1961 में संथाल परगना की कुल जनसंख्या 23,22,092 थी, जिसमें हिंदू आबादी 90.37 प्रतिशत, मुस्लिम आबादी 9.43 प्रतिशत और आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत थी.
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “2011 में संथाल में आदिवासी आबादी 28 प्रतिशत थी, हिंदू 67.95 प्रतिशत थे, जबकि मुस्लिम आबादी बढ़कर 22.73 प्रतिशत हो गई. 1961 में संथाल परगना में चार प्रतिशत ईसाई थे, जो 2011 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गए. बाउरी ने दावा किया कि प्राकृतिक तौर पर जनसंख्या में कमी नहीं आई है बल्कि यह घुसपैठ के कारण हुई है. झामुमो के प्रमुख प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र के हलफनामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर झारखंड में घुसपैठ हुई है तो केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से यह आंकड़े पेश किए गए हैं. भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा चुनाव से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है.