Nawada. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवादा जिले में मकानों को आग लगाने की घटना की बृहस्पतिवार को निंदा की और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) को व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल का दौरा करने तथा जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने पटना में यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश भी दिया है. नवादा के मांझी टोला में 21 मकानों में आग लगाने की घटना के एक दिन बाद पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करते हैं, उन्हें पकड़कर दंडित किया जाना चाहिए.
मांझी ने घटना के लिए यादव समुदाय को ठहराया जिम्मेदार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी और राज्य के वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह घटना बेहद निंदनीय है….मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जो भी इस वारदात में शामिल है, उसे बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जांच की निगरानी करने और घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दे चुके हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने इस घटना के लिए यादव समुदाय को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 यादव समुदाय से हैं. मांझी ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान यादव समुदाय के लोगों पर प्रदेश में दलितों की जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस समुदाय ने उस स्थान पर रह रहे पासवान समुदाय के लोगों को उकसा कर इस घटना को अंजाम दिया है. उन्होंने विरोधियों पर जानबूझकर बिहार की नीतीश कुमार नीत राजग सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए इस तरह की राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के लिए बचाव और राहत कार्य जारी है तथा सभी को उचित मुआवजा दिया जाएगा. मांझी ने कहा कि इस मामले में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी . बाद में मांझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, हमारे देश में विपक्ष की विचित्र लीला है, विपक्ष के लोग पहले दलितों पर अत्याचार करवाते हैं फिर उस घटना को मुद्दा बनाकर सरकार के कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं. नवादा की घटना में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है उसमें 90 फीसदी लोग एक जाति विशेष के हैं और राजद समर्थक हैं. राहुल गांधी जी अब इस पर कुछ बोलेंगें या फिर चुप्पी साध लेंगें. उन्होंने लिखा, “मैंने अभी नवादा के डीएम और एसपी से बात की है. घटना में शामिल अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो फरार हैं वे भी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगें. पीड़ितों को राहत सामग्री दी जा रही है, पुलिस वहां डेरा डाले हुए है. मैं खुद वहां 22 सितम्बर को नवादा में अपनों के बीच रहूंगा.
चिराग पासवान बोले, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, यह घटना जितनी दुखद है, उतनी ही निंदनीय और शर्मनाक भी है. मैं राज्य सरकार के संपर्क में हूं. पहले इस बात को सुनिश्चित किया जाए जा रहा है कि जितने लोग प्रभावित हुए हैं, उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए. मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, नवादा की घटना निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है. पदाधिकारी वहां डेरा डाले हुए हैं. अनेक गिरफ्तारियां हुई हैं. हम सद्भाव बिगड़ने नहीं देंगे और दलितों को जरा भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है. विधि सम्मत जो भी कार्रवाई की जानी है, होगी और इस मामले में जिम्मेदार व्यक्ति कतई बख्शे नहीं जाएंगे.
ये है मामला : घटना का कारण वर्ष 1995 से लंबित जमीनी विवाद
बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान के अनुसार नवादा जिले के मुफस्सिल थानान्तर्गत कृष्णानगर गांव में 18 सितंबर को कुछ लोगों के द्वारा कई मकानों में आग लगाए जाने की सूचना मिलने पर नवादा जिला पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए 15-20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गई और अग्निशमन दस्ते की मदद से आग पर काबू पाया गया. बयान के अनुसार नवादा के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल पर पहुंचकर तत्काल कार्यवाही की और स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया. पुलिस के अनुसार उनके पास से तीन देसी कट्टे और खोखे भी जब्त किए गए हैं. नवादा पुलिस की विशेष टीम अन्य आरोपियों एवं संदिग्धों के विरूद्ध लगातार छापेमारी और अन्य कार्रवाई कर रही है. बयान के मुताबिक घटना का कारण वर्ष 1995 से लंबित जमीनी विवाद माना जा रहा है. पुलिस ने कहा कि स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है.
जिन घरों में आग लगाई गई, उनमें से ज्यादातर एससी/एसटी समुदाय के लोगों के थे
नवादा के जिलाधिकारी (डीएम) आशुतोष कुमार वर्मा ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा कि बताया कि मांझी टोला में एक समूह ने करीब 34 घरों को नष्ट कर दिया, जिनमें से कुछ आधे-अधूरे थे. उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट सौपेंगे. जांच में पता चला है कि कुल 34 घरों में से 21 पूरी तरह से नष्ट हो गए और 13 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. डीएम ने कहा, जांच में यह भी पता चला है कि जिन घरों में आग लगाई गई, उनमें से ज्यादातर एससी/एसटी समुदाय के लोगों के थे. इसलिए, शस्त्र अधिनियम और एससी और एसटी अधिनियम से संबंधित धाराओं के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
आग लगाने से पहले हवा में गोलियां चलाईं
डीएम ने कहा कि यह आशंका भी जतायी जा रही है कि आरोपियों ने घरों में आग लगाने से पहले हवा में गोलियां चलाईं. उन्होंने कहा कि हम विस्थापित लोगों को भोजन के पैकेट और पीने के पानी समेत राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने कहा, पीड़ितों के लिए अस्थायी तंबू लगाए गए हैं. वर्मा ने इस बात का खंडन किया कि घटना में मवेशी झुलस गए हैं. उन्होंने कहा, “इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है.
घटना के तुरंत बाद नवादा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनव धीमान ने संवाददाताओं से कहा था कि शाम 7 बजे के आसपास फोन पर जानकारी मिली थी कि मांझी टोला में कुछ घरों में आग लगा दी गई है. उन्होंने कहा था कि पुलिस तुरंत दमकल की गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंची और आग बुझाने में कुछ समय लगा. एसपी ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में पता चलता है कि घटना का कारण भूमि विवाद है और इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.