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जसिंता केरकेट्टा ने अमेरिकी AId-supported बाल साहित्य पुरस्कार लेने से किया इनकार, बोलीं, जब फिलीस्तीन में बच्चे मारे जा रहे हैं, तो यह अवॉर्ड नहीं ले सकती

Ranchi.आदिवासी कवि, लेखिका और स्वतंत्र पत्रकार जसिंता केरकेट्टा ने बच्चों के साहित्य के लिए लिखी गई कविता संग्रह जिरहुल के लिए यूएस एड और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से दिए जाने वाले 2024 के “रूम टू रीड यंग ऑथर अवार्ड” को लेने से इनकार कर दिया है. जसिंता ने बताया कि अवॉर्ड उन्हें इकतारा ट्रस्ट के प्रकाशन छाप जुगनू प्रकाशन, भोपाल से प्रकाशित कविता संग्रह ‘जिरहुल’ के लिए दिया जानेवाला था. जसिंता ने कहा कि ऐसे समय में जब फिलिस्तीन में हजारों बच्चे मारे जा रहे हों, वह नहीं लेना चाहतीं यह अवॉर्ड.

जसिंता ने कहा कि भारत में बच्चों के लिए बहुत कम लिखा जा रहा है. ऐसे में कोई भी अवॉर्ड एक लेखक को और बच्चों के लिए हो रहे लेखन को बढ़ावा दे सकता है. पर दुनिया में जो हथियार बन रहे हैं, उनसे बच्चे मारे जा रहे हैं. यह ज्यादा जरूरी है कि बच्चों के लिए बेहतर दुनिया बची रहे. अगर बड़े लोग बच्चों के लिए बेहतर समाज और दुनिया नहीं बचा सकते, तो फिर अवॉर्ड का क्या अर्थ रह जायेगा?

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