Ranchi. ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के राजनीति में वापसी के कयासों पर विराम लग गया है. इस कयास पर गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे ने विराम लगा दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट जारी कर कहा है कि भाजपा में कोई कंफ्यूजन नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व ने रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल बनाया है,पहली बार ओडिशा में अपने दम पर भाजपा की सरकार है,रघुवर दास को झारखंड सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष रहने के कारण काफी अनुभव है. इसलिए ओडिशा की नई सरकार को वे मार्ग दर्शन देते रहेंगे.
जहां तक सरयू राय का सवाल है, अब वे जदयू में हैं. दोनों पार्टी का नेतृत्व गठबंधन के तहत जो भी निर्णय लेगा वही अंतिम होगा. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जमशेदपुर पूर्वी से जदयू प्रत्याशी के तौर पर सरयू राय के चुनाव लड़ने के मसले पर भी तस्वीर साफ कर दी है. उन्होंने कहा है कि इस मसले पर दोनों पार्टी का नेतृत्व, गठबंधन के तहत जो निर्णय लेगा, वहीं अंतिम होगा. साथ ही उन्होंने इस कयास को हेमंत सरकार के भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है.
क्यों लगाए जा रहे थे कयास
दरअसल, 27 सितंबर को असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी की भुवनेश्वर स्थित राजभवन में रघुवर दास से मुलाकात के बाद कयासों का बाजार गर्म हुआ था. जमशेदपुर समेत पूरे प्रदेश में इस बात की चर्चा हो रही थी कि रघुवर दास अपनी परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उनकी इस चाहत के पीछे सरयू राय को कारण माना जा रहा था. क्योंकि जमशेदपुर पूर्वी सीट के जदयू के खाते में जाने की संभावना है. सरयू राय भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं.