भारतीय स्टॉक मार्केट में बीते 6 दिनों से निरंतर गिरावट जारी रहने से निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है.एक्सपर्ट भारतीय स्टॉक मार्केट में गिरावट के कई कारण बता रहे हैं. निरन्तर गिरावट कहा थमेगी यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस बाजार में लगातार हो रहे गिरावट से निवेशकों की गाड़ी कमाई डूबने के कारण निवेशकों के हाथ-पांव फूलते जा रहे हैं,अर्थात बीते एक सप्ताह में सेंसेक्स अपने लाइफटाइम हाई से तकरीबन 5000 अंक तथा निफ्टी लगभग 1500 अंक टूट चुके हैं. जिससे निवेशकों में हाहाकार एवं भय का माहौल व्याप्त है.
भारतीय स्टॉक बाजार में निवेशकों के पोर्टफोलियो में बीते एक सप्ताह में लगभग 20% की गिरावट आ चुकी है. 07 सितंबर 2024 ,सोमवार को सेंसेक्स 638 अंक गिरकर 81050 पर बंद हुआ वहीं दूसरी और निफ्टी 218.85 अंक गिर कर 24795.75 अंक पर बंद हुआ.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टॉक बाजार में गिरावट के कई कारण है निम्न है.
1. भारतीय स्टॉक मार्केट से विदेशी निवेशक लगातार पैसे निकाल रहे हैं. पिछले कुछ ही दिन में करीब 40 से 50 हजार करोड़ रुपये विदेशी निवेशक भारतीय स्टॉक मार्केट से निकाल चुके हैं. सूत्र बताते हैं कि पिछले हफ्ते ही चीन में इकोनॉमी को बल देने के लिए राहत पैकेज का ऐलान हुआ है. जिससे विदेशी निवेशक शॉर्ट टर्म में चीनी शेयर बाजार से आकर्षित हो रहे हैं, इस कारण वो भारतीय बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं जिसके कारण भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है.
2.भारतीय स्टॉक मार्केट में अर्निंग के मुकाबले अधिकतर स्टॉक्स के प्राइस काफी महंगे प्रतीत हो रहे हैं. बैंकिंग सेक्टर फिलहाल फेयर वैल्यू पर उपलब्ध हैं. सूत्र बताते हैं कि चीन के मुकाबले भारतीय बाजार दोगुना वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं. जिससे बड़े निवेशक खरीदारी से बच रहे हैं.
3. भारत के कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल के जो अनुमान दिखाए जा रहे हैं, उससे भी बाजार का मूड बिगड़ा है. हरियाणा को लेकर भी बाजार थोड़ा घबराया हुआ है. क्योंकि उद्योग के नजरिये से हरियाणा देश का अहम राज्य है. अगर यहां सत्ता परिवर्तन होता है, तो फिर पॉलिसी में भी बदलाव देखने को मिल सकती है.
4. इजरायल-ईरान के बीच जंग भी इंडियन स्टॉक मार्केट के मूड को बिगाड़ दिया है. पिछले हफ्ते इस कारण से बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. इसके क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल आई है. जिससे इकोनॉमी पर दबाव बढ़ रहा है. अगर यथाशीघ्र युद्ध नहीं रुका तो कच्चे तेल के दामों में और उछाल आ सकता है.