New Delhi. हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को मंगलवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह मिली. आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि चुनाव परिणामों का ‘सबसे बड़ा सबक’ यह है कि चुनाव में कभी भी ‘‘अति आत्मविश्वासी’’ नहीं होना चाहिए. केजरीवाल ने ‘आप’ के पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देखिए, हरियाणा में चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं। सबसे बड़ा सबक यही है कि किसी को भी चुनाव में अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है. हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के कारण आप कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने में विफल रही थी.
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करे, क्योंकि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस उम्मीदों से कमतर प्रदर्शन कर सकी.
भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा के चुनाव परिणामों पर गंभीरता से आत्मचिंतन करे और महाराष्ट्र तथा झारखंड में आगामी चुनावों में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सभी सहयोगियों को साथ लेकर चले.
कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है. इस बीच, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी.
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले स्थान पर थी. गठबंधन का एक धर्म होता है, जो आपस की बात होती है वो एक दूसरे से बोलते हैं मीडिया के माध्यम से नहीं बोलते. उन्होने यह भी कहा, ‘महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करना हमारा कर्तव्य बनता है और हम अपने साथी दलों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे.