Jamshedpur. मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई विनय ठाकुर व उनके करीबियों ठिकानों पर सोमवार की अहले सुबह इडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी शुरू की. पेयजल घोटाले से जुड़े मामले में इडी ने दबिश दी है. सोमवार तड़के इडी की टीम ने चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) में मंत्री के भाई विनय ठाकुर और बिजनेस पार्टनर वेदांत खिरवाल के घर पर छापेमारी शुरू की.
मंत्री के भाई के घर में छापेमारी के दौरान अंदर में कर्मचारी अजय कुमार ठाकुर व एक अन्य कर्मी मौजूद थे. टीम ने घर में रखी आलमारी व सत्यम बिल्डर के कागजात की जांच की. घर में रखी दो आलमारियों की चाबी नहीं थी. ऐसे में कारीगर बुलाकर खुलवाया गया. एक बैग की चाबी उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे नहीं खोला जा सका. इधर, जमशेदपुर में इडी की टीम ने मंत्री उनके करीबी सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर रघुनंदन प्रसाद शर्मा के बारीडीह स्थित विजया गार्डेन के दो डुप्लेक्स (डी-214 व डी-215 नंबर) में छापेमारी की. गयी. टीम पहले डी-214 में, फिर डी-215 में पहुंची. डी-214 रघुनंदन प्रसाद शर्मा के नाम पर और डी-215 बीरेंद्र कुमार के नाम पर है. रघुनंदन प्रसाद शर्मा जमशेदपुर में अभियंता रहे थे.
रघुनंदन प्रसाद शर्मा पर आरोप है कि पेयजल विभाग के मुख्य अभियंता रहते हुए अवैध कमाई की, जिसका एक हिस्सा मंत्री तक पहुंचाया गया. वे रिटायरमेंट के बाद से बारीडीह में रह रहे हैं. उनके बेटे और बहू भी साथ हैं. उनके एक परिचित का बारीडीह के विजया गार्डेन स्थित मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स में बड़ी दुकान है. उनके पास से कई दस्तावेज और निवेश की जानकारी मिली है. उन्होंने करोड़ों रुपये की संपत्ति जमशेदपुर में खरीदी है. हालांकि, इडी से अधिकारिक तौर पर कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. कई मलाइदार जगहों पर उन्हें पदस्थापित किया गया था.
अवैध कमाई का हिस्सा मंत्री तक पहुंचाने का आरोप है.