Ghatshila.आदिवासी समाज ने शनिवार को धूमधाम से दाकाय माहा का त्योहार मनाया. इस दौरान पुरुष-महिलाओं ने सोहराय गीत गाये और बैलों को चुमाया. सभी महिला, पुरुष तथा बच्चे पारंपरिक परिधान में शामिल होकर खाया-पिया और सोहराय गीत गाकर खुशियां मनायी. पुरुष मादर और नगाड़ा लेकर पूरे मुहल्ले में घुम घुमकर बांसुरी के साथ सोहराय गीत गाये तो वहीं महिलाएं पारंपरिक परिधान में कांसे का शुद्ध लोटा पानी और सूप लेकर गाय और बैलों काे चुमाया गया. मौके पर चावल से बना हड़िया का भी सेवन किया गया. सभी लोग एक दूसरे को अपने घरों में बुलाकर हड़िया पिलाया. बताया गया कि रविवार से गोरू खूंटाव प्रतियोगिता होगी, जिसमें बैलों को खूंटे से बांध कर ढोल धमसे बजाकर नाचाया जायेगा. प्रतियोगिता में जिनके बैल जितेंगे उसके मालिक को पुरस्कृत किया जायेगा. समाज के लोगों ने कहा कि फसल की अच्छी पैदावार होने के बाद जब फसल को काटकर घरों में लाया जाता है और उस फसल से अपने घर में पहला निवाला बनाया जाता है उसे ही संथाली भाषा में दाकाय माहा बोला जाता है. शनिवार को दाकाय माहा मनाया जाता है.
Ghatshila Festival: आदिवासी समाज ने दाकाय माहा मनाया, गाया सोहराय गीत, बैलों को चुमाया, आज से गोरू खूंटाव प्रतियोगिता होगी
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