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Congress’ complaint to the EC: राहुल के हेलीकॉप्टर की उड़ान में देरी के बाद कांग्रेस ने आयोग से कहा, समान अवसर सुनिश्चित करें

New Delhi. कांग्रेस ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से झारखंड में पार्टी नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने से कथित तौर पर रोकने की शिकायत की और चुनाव प्रचार में समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को प्रतिबंधों के कारण उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई, जिसके कारण उनकी जनसभाओं में या तो देरी हुई या रद्द हो गईं. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चुनाव प्रचार अभियान दूसरों के प्रचार अभियान से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता. रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रचार में समान अवसर होने चाहिए. प्रधानमंत्री का प्रचार अभियान अन्य सभी के प्रचार अभियान से अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता. आज राहुल गांधी को झारखंड में इसी कारण देरी हुई.’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजी गई अपनी शिकायत में कांग्रेस नेता ने उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि समान अवसर उपलब्ध कराए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि गांधी कांग्रेस की एक चुनावी रैली के लिए झारखंड में थे और उन्होंने राज्य भर में यात्रा करने तथा सभी पूर्व-निर्धारित चुनाव कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमति हासिल कर ली थी. उन्होंने बताया कि स्वीकृत कार्यक्रम और अनुमति के अनुसार गांधी और उनकी टीम को दोपहर 1.15 बजे गोड्डा से राज्य के अन्य स्थानों के लिए उड़ान भरनी थी.

रमेश ने अपनी शिकायत में कहा, ‘उन्हें दोपहर 1.15 बजे उड़ान भरने की अनुमति थी, लेकिन उड़ान की इजाजत नहीं दी गई. उन्हें सूचित किया गया कि आसपास के अन्य नेताओं के प्रोटोकॉल के कारण, उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उक्त देरी के कारण राहुल गांधी के बाद के सभी कार्यक्रम (जिनके लिए पूर्व अनुमति प्राप्त की गई थी) अब या तो विलंबित हो गए हैं या रद्द कर दिए गए हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम आयोग से अनुरोध करते हैं कि वह इस स्थिति में तत्काल हस्तक्षेप करे तथा यह सुनिश्चित करे कि समान अवसर बाधित न हों.’ रमेश ने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘यदि ऐसी स्थिति को जारी रहने दिया गया तो सत्तारूढ़ सरकार और उसके नेता हमेशा ऐसे प्रोटोकॉल का अनुचित लाभ उठा सकते हैं और विपक्षी दलों के नेताओं के चुनाव अभियान को सीमित कर सकते हैं.’

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