- सर्वदलीय बैठक में 30 दलों के 42 नेता हुए शामिल, सरकार की अपील, संसद का सुचारू संचालन में सभी दल करें सहयोग
New Delhi.विपक्षी दलों ने रविवार को केंद्र से अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा कराने की मांग की, वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने स्पष्ट किया कि दोनों सदनों में उठाए जाने वाले मामलों पर संबंधित अध्यक्ष की सहमति से उनकी अधिकृत समितियां निर्णय लेंगी. सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर परंपरा के अनुसार सर्वदलीय बैठक हुई. बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में 30 दलों के 42 नेताओं ने भाग लिया.
मणिपुर में अशांति सहित अन्य कई मामलों के अलावा अदाणी मुद्दे पर ‘प्राथमिकता’ के आधार पर चर्चा कराने की कांग्रेस की मांग पर रीजीजू ने कहा कि सदनों की संबंधित कार्य मंत्रणा समितियां लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की सहमति से संसद में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी. बैठक में इस मामले को उठाते हुए लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने अदाणी मुद्दे को घोटाला करार दिया और कहा कि सरकार को किसी भी तकनीकी आधार पर उनकी मांग को अस्वीकार या नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह भारतीय संस्थाओं और निवेशकों से जुड़ा मामला है.
अमेरिकी अभियोजकों ने उद्योगपति गौतम अदाणी पर भारत के चार राज्यों में सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमरीकी डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का कथित रूप से हिस्सा होने का आरोप लगाया है. अदाणी समूह ने आरोप से इनकार करते हुए कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और समूह सभी कानूनों का अनुपालन कर रहा है.
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी कहा कि सरकार को अन्य कार्यों को अलग रखकर इस मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा करानी चाहिए. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने को लेकर नेताओं और नौकरशाहों को कथित तौर पर 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया. मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड के मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) को जेल में डाल दिया और विभिन्न कारणों से जम्मू-कश्मीर में बदलाव किए, लेकिन हिंसा में कथित संलिप्तता के बावजूद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर अपना भरोसा बनाए रखा. उन्होंने कहा कि इस मामले पर संसद में चर्चा होनी चाहिए. संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा.
वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध
इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं. लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है.रीजीजू ने कहा कि संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. .