Ghatshila. ओडिशा के सिमलीपाल जंगल से भाग कर चाकुलिया वन क्षेत्र में पहुंची बाघिन जीनत फिर से चाकुलिया के माचाडीह के जंगलों में पहुंच गयी है. शुक्रवार को बाघिन सुबह से ही जमुआ, राजाबासा और माचाडीहा के जंगलों में विचरण करती रही. दिन भर वन विभाग की टीम जीपीएस ट्रैकर के माध्यम से बाघिन का लोकेशन ट्रेस करते रहे. शाम होते ही बाघिन को पकड़ने के लिए फिर से जाल बिछाना शुरू कर दिया. वन विभाग द्वारा लाये गये पिंजरा युक्त वाहन को जंगल के भीतर ले जाकर पिंजरे में भैंस के बछड़े को बंद कर दिया गया. अब वन विभाग की टीम इस इंतजार में बैठी है की बाघिन भैंस के बछड़े का शिकार करने के लिए जैसे ही पिंजरे में घुसेगी पिंजरा बंद हो जायेगी और बाघिन को कैद कर लिया जायेगा.
24 नवंबर को सिमलीपाल से भागी थी बाघिन
24 नवंबर को सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से बाघिन भाग निकली थी. जो गुड़ाबांधा के रास्ते चाकुलिया प्रवेश कर गयी. बुधवार से ही ओड़िसा वन विभाग की टीम बाघिन को पकड़ने के लिए तरह-तरह की जुगत भिड़ाती रही है. भैंस के बछड़ों को चारा बनाकर बाघिन के पास छोड़ गया. ट्रेंकु लाइजर गन के सहारे बाघिन को बेहोश करने का प्रयास भी किया गया. परंतु अफसोस वन विभाग का सारा प्रयास विफल रहा. चियाबांधी जंगल में झाड़ियां अधिक होने के कारण बाघिन को कब्जे में नहीं लिया जा सका था. कुछ लोगों का मानना है कि निशाना चूक गया जबकि कुछ लोगों का यह कहना है कि निशाना सही लगा था परंतु निशाना लगने के बाद बाघिन झाड़ियां में छिप गयी. इस दौरान बाघिन तक पहुंच कर उसके बेहोश होने के बारे में जानकारी हासिल करने की हिम्मत कोई जुटा नहीं पाया. अब बाघिन पीछे वापस लौटी है. ऐसे में वन विभाग ने राहत की सांस ली है.