नई दिल्ली. अक्टूबर और नवंबर में घरेलू शेयर बाजार में आई गिरावट के कारण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर रजिस्टर होने वाले निवेशकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर में एनएसई से कुल 15.20 लाख नए निवेशक जुड़े, जो पिछले 7 महीने का सबसे निचला स्तर है. हालांकि एनएसई पर रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या नवंबर के महीने तक 10.72 करोड़ हो गई थी. इस साल फरवरी में रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 9 करोड़ से कुछ अधिक थी, जो अगस्त तक 10 करोड़ हो गई थी.
एनएसई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर-नवंबर में बाजार में आई गिरावट की वजह से नए निवेशकों के रजिस्ट्रेशन में गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन वार्षिक आधार पर देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में इसमें बढ़ोतरी हुई है. 1 साल पहले नवंबर के महीने में निवेशकों के रजिस्ट्रेशन का ये आंकड़ा 13.4 लाख था, जो अब बढ़कर 15.2 लाख हो गया है.
राज्यवार इंवेस्टर्स की संख्या देखी जाए तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या के मामले में महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश इस सूची में दूसरे स्थान पर है. उत्तर प्रदेश के रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या इस साल अप्रैल के महीने में ही एक करोड़ के स्तर को पार कर गई थी, जबकि अगले 7 महीने में यानी नवंबर तक उत्तर प्रदेश के रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स का आंकड़ा 1.20 करोड़ के स्तर तक पहुंच गया. क्षेत्रीय आधार पर देखा जाए तो एनएसई में रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स में से 3.90 करोड़ इन्वेस्टर उत्तर क्षेत्र के हैं, जबकि पश्चिमी क्षेत्र दूसरे स्थान पर बना हुआ है. हालांकि 2022 तक पश्चिम क्षेत्र रजिस्टर्ड इन्वेस्टर के मामले में सबसे ऊपर बना हुआ था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की दिसंबर की मार्केट रिपोर्ट के मुताबिक एनएसई में रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या में महिलाओं की भागीदारी भी लगातार बढ़ रही है. 2021-22 में कुल रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स में 22 प्रतिशत महिलाएं थीं लेकिन नवंबर 2024 तक महिलाओं की भागीदारी 24 प्रतिशत हो चुकी है. इसी तरह एनएसई पर रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की औसत आयु 35.8 साल है. इसके अलावा कुल इन्वेस्टर्स में 30 साल से कम आयु के निवेशकों की संख्या 39.9 प्रतिशत है.