जमशेदपुर ने खोला सरायकेला-खरसावां की आपूर्ति विभाग की खुलेआम खेल का राज। लगभग 10 वर्षों से विभागीय पदाधिकारी के उपेक्षा का जिला झेल रहा है दंश।
चौंकिए नहीं यह झारखंड राज्य के सरायकेलााा — खरसावां जिला है जो विगत 10 वर्षों से लगभग विभागीय पदाधिकारियों की पदस्थापना नहीं होने का खामियाजा और दंश झेल रहा है ।जहां अनाज कारोबारियों का एकछत्र राज और सिंडिकेट चल रहा है । जहां 2009 से ही अभी तक केवल प्रभारी पदाधिकारियों के भरोसे जिले का आपूर्ति विभाग चल रहा है।
यहां गरीबों का अनाज कालाबाजारी ,माफियाओं और पदाधिकारियों की पेट में जा रहा है ।ऊंचा स्तर पर बैठे लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है, और अगर किसी माध्यम से इन्हें जानकारी मिल भी जाती है तो एक भ्रष्ट कमाई का एक हिस्सेदार बन जाते हैं। विगत लगभग 5 माह के अंदर ही कई जगहों पर सरकारी अनाज को जप्त कर कई लोगों पर केस दर्ज किया गया। परंतु अभी भी पुलिस पकड़ से दूर हैं ,और खुलेआम फिर से कालाबाजारी धड़ल्ले से कर रहे हैंl पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रियंका सिंह के समय में लगभग कई दुकानदारों के ऊपर एवं कलाबाजारी माफियाओं के ऊपर एफ.आई.आर.दर्ज किया गया । कई दुकानदारों को जिले में एक साथ सस्पेंड किया गया । प्रियंका सिंह के रहते कालाबाजारी माफिया और दुकानदारों में दहशत रहता था जो उनके जाते ही खत्म हो गया हूँ, और खुलेआम माफिया कालाबाजारी दुकानदारों से सांठगांठ करते हुए देखे जा रहे हैं ।अब प्रखंड आपूर्ति कार्यालय पर ही माफियाओं का जमघट लगना शुरू हो गया है। । क्यों कि करवाई कागजी करवाई ही रह गई। वर्तमान जो स्थिति है वह किसी से छिपा हुआ नहीं हैै कि किस तरह कालाबाजारी माफिया ,सफेदपोश,आपूर्ति विभाग के पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन से सांठगांठ कर खुलेआम गरीबों के अनाज को बाजारों में ऊंचे मूल्य पर बेचकर मालो माल हो रहे हैं। जिसे रोक पाना विभागीय मंत्री श्री रामेश्वर उरांव एवं विभागीय सचिव श्री अरुण कुमार के लिए चुनौती बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जहां पदाधिकारियों की सौ रुपया ₹50 ₹200 प्रति बोड़ा हिस्सेदारी के रूप में लिए जाने की चर्चाएं होती है। जिसके बल पर ही कालाबाजारी अनाज माफिया बेधड़क खुलेआम बेरोकटोक के गरीबों के अनाज को ऊंचे मूल्य पर बेच रहे हैं और गरीब अनाज मिलने की आस में हमेशा जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के दुकान के आगे चक्कर लगाते रहते हैं ।दो-तीन माह पर एक बार उन्हें अनाज बहुत मुश्किल से इन्हें मिलता है। आम आदमी डीलरों के दुकान के आगे लाइन लग कर दुकान खुलने की इंतजार में बैठे रहते हैं ।लेकिन दुकानदार लिंक फेल होने की बहाना बनाकर, तो कभी और कुछ बहाना बनाकर दुकान खुलते ही नहीं हैं, और गरीबों के अनाज गरीबों के मिलने के बजाय, काला बाजारीयो में भेज दिए जा रहे हैं।
यह मामला तब उजागर हुआ जब सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के आपूर्ति विभाग के गोदाम से प्राप्त जानकारी के अनुसार निकले गेहूं लदे ट्रक पोटका में एक ट्रक पलटी हो गया और उसमें कालाबाजाररीयों से लदे अनाज सड़क पर बिखर गए। जिसे विधायक संजीव सरदार ने गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कार्रवाई की मांग की थी की थी जिसके आलोक में ड्राइवर और खलासी पर मामला दर्ज हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया कि या राजनगर प्रखंड के आपूर्ति विभाग का अनाज था जिसे जिला उपायुक्त श्री इकबाल अंसारी द्वारा जांच करने की आदेश देते हुए कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। जिसके आलोक में गाड़ी मालिक और ड्राइवर पर पोटका थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। वहीं पूरे मामले पर मुसाबनी के डीएसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा कि कालाबाजारी गेहूं लेकर जा रहा था ट्रक जिस दिन दुर्घटना हुआ उस समय ट्रक मालिक मनोज दत्ता था उसे पकड़ने के लिए पोटका पुलिस से मदद मांगी गई है ।मनोज की गिरफ्तारी से गिरोह का बड़े पैमाने पर खुलासा होने की संभावना है । अगर सही से कालाबाजारीयों की जांच हो तो जिले के कई प्रखंड के आपूर्ति विभाग इसके तफ्तीश में झुलसेगे और तपेगे। क्योंकि सरायकेला खरसावां जिले में कालाबाजारीयों के एक मजबूत गठजोड़ है। जिसमें प्रशासन कालाबाजारी माफिया और सफेदपोश के संरक्षण में फल फूल रहे हैं। यहां भी कई बार सरकारी अनाज को पकड़े गए हैं, और मामले भी दर्ज हुए हैं। मगर अभी तक दर्ज व्यक्तियों को पुलिस पकड़ नहीं
पाई है , और खुलेआम घूम रहे हैं ।जिसे लूट में छूट करने का मानो लाइसेंस मिल गया हो। कालाबाजारीयो का बड़े पैमाने पर सरायकेला खरसावां में भी अवैध कालाबाजारी हो रहा है। सरायकेला खरसावां जिले के , राजनगर प्रखंड, सरायकेला प्रखंडऔर खरसावां प्रखंड गम्हरिया प्रखंड कुचाई प्रखंड सहित कमोवेश सभी प्रखंडों में कालाबाजारी होने को लेकर लोगों के बीच चर्चाओं में है। झारखंड में चल रहे कालाबाजारी माफियाओं की सिंडिकेट को तोड़ना विभागीय मंत्री एवं सचिव एवं वर्तमान जिला आपूर्ति पदाधिकारी के बूते नहीं है ।ऐसी चर्चाएं जोरों पर चल रही है ।देखना यह है कि क्या झारखंड के गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन गरीबों के अनाज कालाबाजारी माफियाओं सफेदपोश और पदाधिकारियों के पेट में जा रहे हैं, इसे रोक पाते हैं या नहीं। विभागीय मंत्री और सचिव इसे कितने गंभीरता से लेते हैं। इस पर अंकुश लगा पाते हैं या या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वही एक पदाधिकारी ने संवाददाता को नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह के हो रहे काला बाजारी एवं काला बाजारीयो पर अंकुश लगाने के लिए एसआईटी का गठन कर जांच करा कर अंकुश लगाया जा सकता है।
ए के मिश्र
जमशेदपुर ने खोला सरायकेला-खरसावां की आपूर्ति विभाग की खुलेआम खेल का राज। लगभग 10 वर्षों से विभागीय पदाधिकारी के उपेक्षा का जिला झेल रहा है दंश।
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