पटना. आयकर विभाग के करदाताओं से 10 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में बुधवार को प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार समेत सभी पांच आरोपित पटना स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपितों से उनके खिलाफ मिले सबूतों के बारे में पूछा, जिसे सभी ने बेबुनियाद बताया. इसके बाद अदालत ने उनको पांच दिनों के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया.
सीबीआई को सूचना मिली थी कि पद का दुरुपयोग कर करदाताओं को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए पैसों की लेन-देन की गई है. इसके बाद सीबीआई ने मामले में कार्रवाई करते हुए बिहार-झारखंड समेत देश के 21 ठिकानों पर छापेमारी की. पटना से संतोष कुमार, राजीव कुमार उर्फ चीकू, धनबाद से डॉ प्रणय पूर्वे, गुरपाल सिंह और अशोक चौरसिया को गिरफ्तार किया था.
आरोपितों से पूछताछ में हुए खुलासे से सीबीआई के अधिकारी भी चकरा गए. संतोष ने विभिन्न करदाताओं से रिश्वतखोरी के लिए बाकायदा एक गैंग बना रखा था. इस गैंग में राजीव कुमार सिंह उर्फ चीकू, डॉक्टर प्रणय कुमार, अशोक चौरसिया के साथ एक बिल्डर भी शामिल है. इस वसूली गैंग का काम था इनकम टैक्स बकाया वाले कारोबारी को अपने जाल में लेकर प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार के साथ सेटलमेंट कराना. संतोष के पास इनकम से संबंधित जब भी कोई बड़ा मामला आता था तब इन चार दलालों में से किसी एक के पास भेजता था. यह मामला तब खुल गया जब संतोष के एक करीबी से ही पैसे की डिमांड हो गयी.
दरअसल, धनबाद के कोयला कारोबारी गुरपाल सिंह का इनकम टैक्स से संबंधित एक मामला चल रहा है. प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार के यहां इसके सेटलमेंट के लिए संतोष ने गुरपाल सिंह से 10 लाख रुपये रिश्वत मांगे थे. इसके बाद ये सारा भेद खुल गया. प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार के पटना स्थित आयकर कार्यालय के दूसरे तल्ले पर मौजूद उनके कार्यालय में कागजात की जांच की गई. साथ ही उनके पटना लोहिया नगर कंकड़बाग स्थित आवास (36 नंबर) में भी तलाशी ली गई. अन्य आरोपितों में डॉक्टर प्रणव पूर्वे धनबाद क्लब के अध्यक्ष बताए जा रहे हैं. वहीं, गुरपाल सिंह का धनबाद में ट्रांसपोर्ट का बड़ा कारोबार है जबकि अशोक चौरसिया का आवास धनबाद के कतरास रोड में मकान संख्या 32 है. राजीव कुमार और चीकू की भूमिका मध्यस्थ के तौर पर सामने आ रही है.
सीबीआई की गिरफ्त में आया संतोष कुमार आईआरएस 1988 बैच का अधिकारी है. अपनी सेवा के शुरुआती दौर में हुए धनबाद आयकर विभाग में भी सहायक आयुक्त रह चुका है. वह 30 सितंबर को सेवानिवृत होगा. संतोष कुमार मूल रूप से बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है.