New Delhi. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के जंगलों में 31 नक्सलियों को मार गिराया था.
नक्सलवाद के खतरे से प्रभावित राज्यों में छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं.
इस महत्वपूर्ण बैठक में नक्सल विरोधी अभियानों और प्रभावित क्षेत्रों में की गई विकास पहलों पर चर्चा की गई. हाल के दिनों में नक्सलियों के खिलाफ सबसे सफल अभियानों में से एक में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा कम से कम 31 नक्सलियों को मार गिराए जाने के कुछ दिनों बाद नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय गृह मंत्री की यह बैठक हुई है.
अधिकारियों ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की रणनीति के कारण नक्सली हिंसा में 72 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि 2010 की तुलना में 2023 में नक्सली हमले में मरने वालों की संख्या में 86 प्रतिशत की कमी आई है तथा नक्सली अब अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं.
नक्सलवाद प्रभावित राज्यों को विकास सहायता प्रदान करने में शामिल केंद्रीय मंत्रियों ने भी बैठक में भाग लिया. साथ ही केंद्र, राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और गृह मंत्री के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार मार्च, 2026 तक नक्सलवाद के खतरे को पूरी तरह से जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. केंद्र सरकार नक्सलवाद से प्रभावित राज्य सरकारों को इस खतरे से लड़ने में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.
शाह ने पिछली बार छह अक्टूबर, 2023 को प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ नक्सलवाद पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी. उस बैठक में गृह मंत्री ने नक्सलवाद को खत्म करने के संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश दिए थे. वर्ष 2024 में अब तक 230 से अधिक नक्सलवादियों का सफाया किया जा चुका है, 723 नक्सलवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि 812 को गिरफ्तार किया गया है. नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या अब सिर्फ 38 रह गई है.
केंद्र सरकार ने विकास योजनाओं को प्रभावित राज्यों के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए सड़क और मोबाइल संपर्क को बढ़ावा देने सहित कई कदम उठाए हैं. बयान में कहा गया है कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 14,400 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई गई हैं और लगभग 6,000 मोबाइल टावर लगाए गए हैं.