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Bahragoda: खेत में मिली मृत हथिनी, वन विभाग बोला-हार्ट अटैक से मौत, ग्रामीण बोले-हाथियों की लड़ाई में गयी जान

  • रिपोर्ट आज आ सकती है, इसके बाद ही मौत के कारणों का होगा खुलासा

Bahragoda : बहरागोड़ा प्रखंड के भादुआ गांव में शुक्रवार की सुबह खेत में एक हथिनी मृत मिली. हथिनी की जान कैसे गयी? कहानी अलग-अलग है. फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम पहुंची. चिकित्सकों ने हार्ट अटैक से हथिनी की मौत की आशंका जतायी है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार की रात यहां हाथियों की लड़ाई हुई थी. लड़ाई में हथिनी की मौत हुई है, जबकि आसपास संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले हैं. चिकित्सकों ने हथिनी का पोस्टमार्टम कर विसरा जांच के लिए भेजा है, जबकि शव को खेत में गड्ढा खोदकर दफना दिया गया. जांच रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारण का पता चल पायेगा. सूचना पाकर डीएफओ सबा आलम अंसारी, रेंजर दिग्विजय सिंह समेत दर्जनों वनरक्षी पहुंचे थे. पशु चिकित्सक डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार महंता, डॉ प्रशांत कुमार ने पोस्टमार्टम किया. डीएफओ सबा आलम अंसारी ने कहा कि हथिनी का पोस्टमार्टम कराया गया है. रिपोर्ट शनिवार तक आ सकती है. इसके बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि होगी. अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है कि हाथिनी की मौत कैसे हुई है. हाथी के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं हैं.

रात में हाथियों का झुंड घुसा था

भादुआ गांव के पास के जंगल में 10-12 हाथियों का झुंड गुरुवार की रात विचरण करते हुए बंगाल से बरसोल में घुसा था. इस दौरान हाथियों के बीच लड़ाई हुई थी. ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी जंगली हाथियों का झुंड बगल के जंगल में है. घटना के बाद से भादुआ समेत आसपास के गांव के लोग दहशत में हैं.

हाथी हुए उग्र, पहुंचा रहे नुकसान

लोगों का कहना है कि हथिनी की मौत के बाद झुंड के अन्य हाथियों का व्यवहार और उग्र हो सकता है. हाल में बरसोल में जंगली हाथियों का तांडव काफी बढ़ा हुआ है. हाथियों के हमले में कई ग्रामीणों को जान भी गंवानी पड़ी है. साथ ही, शरण लिए हुए हाथियों के झुंड की निगरानी की जा रही है.

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