Kolkata/Ranchi. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य विधानसभा में आलू की किल्लत और बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया. साथ ही कहा है कि फिलहाल आलू का अंतरराज्यीय व्यापार पर रोक जारी रहेगी. इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि पश्चिम बंगाल से आलू की आवक रोके जाने के मामले में अभी मुख्य सचिव के स्तर पर बात हो रही है. जरूरत पड़ेगी, तो मैं खुद भी बंगाल सरकार से बात करूंगा. उधर, सोमवार को ही खाद्य भवन में पश्चिम बंगाल के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने आलू व्यवसायियों और कोल्ड स्टोर के मालिकों के संगठनों के साथ त्रिपक्षीय बैठक की, जो बेनतीजा रही. दूसरे राज्यों में आलू भेजने को लेकर सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने पर पूर्व घोषणा के अनुसार सोमवार आधी रात से आलू व्यवसायी हड़ताल पर चले गये. इधर, पश्चिम बंगाल से आवक कम होने के कारण झारखंड में आलू की किल्लत बढ़ गयी है. राज्य में खुदरा में आलू की कीमत प्रति किलो दो से लेकर पांच रुपये तक बढ़ गयी है.
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में नाराजगी जताते हुए कहा कि बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री कार्यालय को अंधेरे में रख कर आलू-प्याज दूसरे राज्यों को भेजा जा रहा है. इस वजह से राज्य के बाजारों में आलू की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. इसका लोगों की जेब पर असर पड़ रहा है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि आलू उत्पादन में पश्चिम बंगाल देश में दूसरे स्थान पर है. फिर भी कुछ मुनाफाखोरों की वजह से राज्य में आलू की किल्लत है. आलू-प्याज दूसरे राज्यों में भेजे जाने से पहले बंगाल को प्राथमिकता दी जाये. उन्होंने टास्क फोर्स को निर्देश दिया है कि वह दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे आलू पर नजर रखे. सीएम कहा कि कुछ मुनाफाखोर व्यवसायी आलू दूसरे राज्य को भेज रहे हैं. हम इस पर अंकुश लगायेंगे.
बंगाल में आलू व्यवसायियों की बैठक आज
पश्चिम बंगाल के आलू व्यवसायियों ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि मंगलवार को प्रगतिशील आलू व्यवसायी समिति की राज्य कमेटी की आपात बैठक होगी. व्यवसायियों ने बताया कि मंत्री के साथ हुई बैठक में दूसरे राज्यों में आलू भेजने को लेकर छूट देने का आग्रह किया, जिसे मंत्री ने ठुकरा दिया. आलू व्यवसायियों ने बताया कि इस समय पश्चिम बंगाल के 500 कोल्ड स्टोरेज में छह से साढ़े छह लाख मीट्रिक टन आलू पड़ा हुआ है. 31 दिसंबर तक सरकार ने कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने की समय सीमा दी है. दिसंबर में राज्य में आलू की मांग तीन से साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन की होगी. ऐसे में दूसरे राज्यों में आलू भेजने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं रहेगा