New Delhi. केंद्र सरकार ने बुधवार को पहली बार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पंजीकरण के समय तथा परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दे दी.
यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आयोग ने पिछले महीने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और योग्यता से परे सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए उन पर भविष्य की सभी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक लगा दी थी.
खेडकर पर अन्य आरोपों के अलावा दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है.
कार्मिक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यूपीएससी को “वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी प्रमाणीकरण सुविधा का उपयोग किया जाएगा.
केंद्र ने UPSC को अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दी
Related tags :