
Chaibasa. पूर्व मुख्य मंत्री चंपाई सोरेन मंगलवार को पश्चिमी सिंहभूम पहुंचे. यहां चाईबासा के बादुडी और गितिलपी गांव के चाईबासा लाठीचार्ज के पीड़ितों का हाल जाना. उन्होंने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार, उनकी जमीन जबरन लूटने का प्रयास, उन पर लाठीचार्ज यही झारखंड की इस तथाकथित अबुआ सरकार का सच है. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने चाईबासा में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर स्थानीय समाज द्वारा ‘नो एंट्री’ की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शन का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि “इस अपराध” के लिए सरकार ने आधी रात में प्रदर्शनकारियों को पहले लाठियों से पिटवाया.चंपाई सोरेन के अनुसार, लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया.
उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले डेढ़ दर्जन लोगों को जेल भेजा गया, और सरकार का ‘दिल न भरने’ पर 75 लोगों पर नामजद तथा 500 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया गया. उन्होंने इस दमनकारी कार्रवाई के मानवीय पहलू पर जोर देते हुए एक पीड़ित परिवार का उदाहरण दिया.

उन्होंने मार्मिक लहजे में कहा, “इन मासूम बच्चों की आंखों में छिपे दर्द, इनके चेहरों पर पसरी मायूसी, और इस खामोशी के पीछे के अहसास को समझिये…” उन्होंने बताया कि इन बच्चों के पिता महाराष्ट्र में मजदूरी करते हैं, जबकि इनकी माँ पिछले महीने से जेल में है. इस हालात में ये बच्चे माता-पिता के होते हुए भी अनाथों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं और भोजन-पानी के लिए पड़ोसियों पर निर्भर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इन बच्चों को इस हालात में पहुँचाने वाले लोग सत्ता के नशे में झूम रहे हैं. कुछ परिवार को श्री सोरेन ने आर्थिक सहयोग भी किया. उन्होंने कहा कि जो प्रक्रिया है, सबका नाम निकालेंगे. उसके बाद एक बडा जन आंदोलन करेंगे.



