New Delhi. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने बुधवार को कहा कि उसने राष्ट्रीय राजमार्गों पर मेटल बीम क्रैश बैरियर (एमबीसीबी) लगाने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के ठेकेदारों को निर्देश दिए हैं. क्रैश बैरियर का इस्तेमाल राजमार्गों पर वाहनों को खड़ी ढलानों, तीखे मोड़ पर पलटने से बचाने के लिए किया जाता है. क्रैश बैरियर वाहनों को विपरीत लेन में प्रवेश करने से भी रोकते हैं जिससे खतरनाक दुर्घटनाओं का जोखिम कम हो जाता है. एनएचएआई ने बयान में राजमार्गों के ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि क्रैश बैरियर के लिए आपूर्ति की जाने वाली सामग्री टक्कर परीक्षण रिपोर्ट में दिए गए निर्देशों के समान ही होनी चाहिए और इसे विनिर्माता द्वारा निर्धारित ढंग से ही लगाया जाना चाहिए.
इन निर्देशों के मुताबिक, ठेकेदार को बैरियर विनिर्माता से एक प्रमाणपत्र भी लेना होगा कि परियोजना स्थल पर स्थापित क्रैश बैरियर निर्धारित डिजाइन, मानकों और निर्देशों के अनुरूप लगाया गया है. एनएचएआई ने कहा कि इन दिशानिर्देशों से न केवल ठेकेदारों की जवाबदेही बढ़ेगी और वे अच्छी गुणवत्ता वाली राजमार्ग परियोजनाएं तैयार कर सकेंगे, बल्कि इससे देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.