Dhalbhumgarh. प्रखंड के मोहलीशोल गांव में शनिवार को धूमधाम से मनसा पूजा हुई. इस अवसर पर झापान का आयोजन हुआ. झापान बने दो लोगों ने पूजा के बाद छह विषधर नागों को गले में डाल कर पालकी पर सवार होकर दिघी बांध तक गये. नागों को नहला कर पूजा के बाद कलश लाया गया. मोहलीशोल मनसा मेला में आयोजित मनसा पूजा क्षेत्र में प्रसिद्ध है. लगभग 325 सालों से पूजा हो रही है. बताया गया कि लगभग एक माह पूर्व जंगल से विषधर नागों को पकड़ कर रखा गया.
पूजा और मनसा मंगल के गायन के बाद विशेष रूप से लकड़ी की बनी पालकी पर झापान तुषार पंडित और खोकन पंडित सवार थे. पारंपरिक रूप से पान के पत्ते में जड़ी देकर मुंह में डालकर नागों को गले में लपेटा. जहरीले नाग लगातार उन्हें डस रहे थे. लेकिन इसका असर नहीं हो रहा था. कमेटी ने बताया कि 1799 में मोहलीशोल गांव बसने के साथ ही मनसा पूजा की शुरुआत हुई. आज भी चल रही है. पूजा के दौरान गांव के लगभग हर घर के रिश्तेदार झापान मेला में शामिल होते हैं. इससे पूर्व विधायक रामदास सोरेन ने मनसा पूजा पंडाल का उद्घाटन किया.
पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. विधायक ने कहा कि प्राचीन काल में गांव-गांव में लोग जड़ी बूटी के जानकार थे. उन्हीं के भरोसे लोग इलाज करते थे. आज जानकार लोग नहीं हैं. विज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है. फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में बुजुर्ग लोग हैं. जो सांप कटी से लेकर अन्य बीमारियों का इलाज जानते हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही मनसा पूजा स्थान का सौंदर्यीकरण कराया जायेगा.