राज्य के जूटे अधिकारियों की धनबाद में फिर अपराधियों ने जेल से फरार हो कर दी खुलेआम चुनौती।
झारखंड में विधि व्यवस्था की बदहाली की शोर अभी थमी भी नहीं है और पूरे राज्य की शासन व्यवस्था की निगाहें जिस जिले धनबाद पर टिकी है ।वही सारी कानून व्यवस्था और अधिकारियों की जुटान को धता बताते और दरकिनार कर जेल की सलाखों से दो अपराधी शासन के आंख में धूल झोंकते हुए फरार हो गए। धनबाद जिले में जज उत्तम आनंद की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए राज्य के आला अधिकारी जहां एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। अभी जज की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई है कि अपराधी एक बार फिर प्रशासन को चुनौती देते हुए फरार हो गए ।जेल की सुरक्षा व्यवस्था को दरकिनार कर दो विचाराधीन कैदी के फरार होने की घटना जंगल में आग की तरह फैल गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह की घटना बताई जा रही है फरार बंदी अंकित रवानी तथा देवा भुइयां पोस्को एक्ट के दो अलग-अलग मामले में जेल में बंद थे। वर्ष 2019 में अंकित रवानी और 2020 अगस्त से देवा भूईया जेल में बंद थे। जेल में हाजिरी के दौरान दोनों गायब होने पर काफी खोजबीन के बाद भी नहीं मिले। प्रशासन सीसीटीव के सहारे पता लगाने के लिए फुटेज को खंगाल रही है जरा सोचिए जहां पूरे राज्य की प्रशासनिक निगाहें जज हत्याकांड को लेकर धनबाद की गलियों में विधि व्यवस्था के लिए खाक छान रही है और सारी निगाहे विधि व्यवस्था पर टिकी है। वही खुलेआम अपराधी जेल प्रशासन की व्यवस्था एवं राज्य के जूटे आला अधिकारियों को चुनौती देते हुए फरार हो गए। इस पूरे प्रकरण पर अभी कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।
ए के मिश्रा
धनबाद में अपराधियों ने जेल से फरार हो कर दी झारखंड पुलिस प्रशासन को खुलेआम चुनौती?
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