ज्ञात हो कि डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा 28 मई को है, काउंसिल ने रांची के नामकुम के वाइबीएन यूनिवर्सिटी को पुनः सेंटर बनाया हैl 44 डिग्री तापमान से झुलसा रही भीषण गर्मी में झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के एक फरमान ने राज्य के विभिन्न जिलों में रहने वाले नौ हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी हैl काउंसिल ने डिप्लोमा इन फार्मेसी की परीक्षा तिथि 28 मई जारी की है जिसका परीक्षा केंद्र रांची से दूर नामकुम के सुदूर गांव में स्थिति वाईबीएन यूनिवर्सिटी में बनाया गया हैl
बीते वर्ष भी इसी सेंटर पर परीक्षा का आयोजन किया गया था, इसे लेकर छात्र-छात्राओं और अभिभावकों का कड़वा अनुभव रहा हैl घनी आबादी से दूर यहां वीराने में, न गर्मी व आंधी-तूफान से बचाव का कोई इंतजाम है न ही खाने-पीने की व्यवस्था l
ऐसे में भीषण गर्मी से कराह रहे फार्मेसी के छात्र- छात्राएं एवं उनके अभिभावक झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को त्राहिमाम भेजकर काउंसिल के इस फरमान से राहत दिलाने का गुहार लगा रहे हैं lराज्य के विभिन्न जिलो में 56 कॉलेज के नौ हजार से अधिक परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगेl
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भेजे पत्र में बताया गया है कि काउंसिल के मनमाने निर्णय से छात्र-छात्राओं को मानसिक व शारीरिक परेशानी होगी वही दूसरी ओर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगाl
छात्र-छात्राओं ने फार्मेसी काउंसिल को वीरान सुदूर गांव में परीक्षा कंद्र बनाने जाने से होने वाली परेशानी को अवगत कराया और केंद्र व तिथि बदलने की मांग की है , लेकिन काउंसिल की ओर से बताया गया कि स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के आलोक में सब कुछ हो रहा है लिहाजा वे कुछ नहीं कर सकते हैंl इसके बाद परीक्षार्थियों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को त्राहिमाम भेजकर गुहार लगाते हुए सभी तथ्यों से अवगत कराया हैl उन्हें बताया गया है कि सैकड़ो महिला परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावक एवम उनके छोटे बच्चे भी केन्द्र तक जाते हैं, जिन्हे कहीं पर भी सिर छुपाने के लिए छाया तक नही मिलती हैl राज्य भर से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए होने वाली परेशानी अलग हैl
मंत्री को भेजे शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि छात्र-छात्राओं की परेशानी को भूलकर सिर्फ निजी संस्थान को फायदा पहुंचाने के लिए फार्मेसी काउंसिल के पदाधिकारियों ने सुदूर ग्रामीण इलाके में सेंटर बनाया हैl छात्रों ने पत्र के माध्यम से YBN कॉलेज की मान्यता और मानक की जांच करने की मांग की गयी है एवं यह भी पता लगाने का अनुरोध किया गया है कि काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार शहर के बीच विभिन्न सरकारी संस्थानों को छोड़कर सिर्फ निजी संस्थान वाईबीएन को भी केंद्र के रूप में क्यों चुन रहे हैं?
मंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे अनुरोध पत्र में हजारों परीक्षार्थियों के हित को ध्यान में रखकर केन्द्र और परीक्षा तिथि बदलने के लिए परिषद् को आदेशित करने का अनुरोध किया गया हैl अब देखना है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता छात्रों के उपरोक्त शिकायत पत्र पर क्या कार्रवाई करते हैं ?