Ranchi. झारखंड हाइकोर्ट में जमशेदपुर अक्षेस (जेएनएसी) के अधीन आने वाले अवैध निर्माण और नकशा विचलन कर बने भवनों को लेकर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता राकेश झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की खंडपीठ ने जेएनएसी क्षेत्र में नक्शा विचलन कर बने भवनों को ध्वस्त करने के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी. इस केस के प्रभावितों और जेएनएसी द्वारा जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उनको प्रतिवादी बनाने को कहा गया है. हाइकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर प्रभावितों को अगली सुनवाई तक प्रतिवादी नहीं बनाया जाता है तो इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जायेगा. 6 दिसंबर को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गयी है.
अवैध निर्माण व नक्शा विचलन मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पक्ष सुना.
खंडपीठ ने जेएनएसी के अधिवक्ता कृष्ण कुमार से जानना चाहा कि जेएनएसी के कमांड क्षेत्र में विचलन कर बने भवनों को हटाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इस पर कृष्ण कुमार की ओर से बताया गया कि हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार जेएनएसी अपने क्षेत्र में विचलन करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्हें नोटिस देकर तथा पर्याप्त समय देते हुए समाचार पत्रों में विज्ञापन देने के बाद भवनों के बेसमेंट में बने पार्किंग को खाली कराया गया है और जिन भवनों में जहां विचलन था, उसे तोड़ा गया है.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राकेश कुमार झा ने जनहित याचिका दायर की है. प्रार्थी ने जेएनएसी क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने तथा जो निर्माण हो चुका है, उन्हें ध्वस्त करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जेएनएसी क्षेत्र में वर्ष 2023 तक लगभग 1246 भवनों का अवैध निर्माण हुआ है.