Wilington. अमेरिका के साथ परिवर्तनकारी सहयोग के तहत, भारत को पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र मिलेगा, जो दोनों देशों में सैन्य हार्डवेयर के साथ-साथ महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए चिप का उत्पादन करेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच शनिवार को विलमिंगटन में हुई वार्ता के बाद महत्वाकांक्षी भारत-अमेरिका संयुक्त परियोजना की घोषणा की गई.
मोदी-बाइडन वार्ता पर एक संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका सेमीकंडक्टर निर्माण साझेदारी को एक ऐतिहासिक समझौता बताया.
यह परियोजना भारत सेमीकंडक्टर मिशन में सहायक होगी और भारत सेमी, थर्डीटेक और अमेरिकी स्पेस फोर्स के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी का हिस्सा होगी.
मामले से अवगत लोगों ने बताया कि यह न केवल भारत का पहला, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दुनिया का पहला बहु सामग्री निर्माण संयंत्र होगा.
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि अमेरिकी सेना भारत के साथ इन उच्च प्रौद्योगिकियों के लिए साझेदारी करने पर सहमत हुई है और यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि यह असैन्य परमाणु समझौते जितना ही महत्वपूर्ण है.
संयुक्त बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और हरित ऊर्जा ‘एप्लीकेशन’ के लिए उन्नत संवेदन, संचार और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित एक नया सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की सराहना की.
India-America: भारत को मिलेगा पहला ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र’, सैन्य हार्डवेयर के साथ दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए चिप का करेगा उत्पादन
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