Jamshedpur. निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में 30 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में ‘धीमी गति’ के विरोध में पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय के सामने धरना दिया. राय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकर्ताओं सहित अपने समर्थकों के साथ धरना दिया. उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए दावा किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में तीन साल की संक्षिप्त अवधि में 155 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं क्रियान्वित की गईं. हालांकि, 30 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं पर काम जिला प्रशासन के पास धनराशि होने के बावजूद शुरू नहीं हो सका. राय ने कहा कि इस मुद्दे पर धरना देने के उनके फैसले के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया.
राय ने कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य डॉ. अजय कुमार और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी एवं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भी प्रहार करते हुए उन पर रोजगार उपलब्ध कराने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. राय ने उन दोनों पर राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बावजूद औद्योगिक नगर समिति के गठन में बाधा डालने का भी आरोप लगाया.
पूरे देश में नगरपालिकाओं का गठन हो गया. सिर्फ जमशेदपुर ही एक ऐसा शहर है, जहां नगरपालिका का गठन नहीं हुआ. यहां दोहरी शासन पद्धति चल रही है. टाटा स्टील का टाटा स्टील यूआइएसएल (पहले जुस्को) और राज्य सरकार का जेएनएसी भी चल रहा है. इन दोनों को मिलाकर नगर निगम बना दीजिए. नगर निगम में दिक्कत है तो औद्योगिक शहर समिति बना दीजिए. सरकार औद्योगिक शहर समिति बनाने के लिए तैयार है. प्रस्ताव पास कर दिया. जब कहीं भी औद्योगिक शहर समिति बनती है तो उसके अध्यक्ष उपायुक्त होते हैं. यहां भी कानून में यही है. लेकिन यहां के स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर अड़चन लगा रखी है. कैबिनेट में दबाव डाल रखा है. वह कह रहे हैं कि स्थानीय मंत्री को इसका अध्यक्ष होना चाहिए. इस पर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी कि स्थानीय मंत्री ही अध्यक्ष होंगे. अगले ही दिन विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री से कहा कि यह कभी लागू नहीं हो सकता है. सरकार अगर कानून के खिलाफ कोई नोटिस निकाल देगी तो वह लागू नहीं होगा. साल भर हो गया, वह लागू नहीं है. अगर मानगो में नगर निगम नहीं बना, जमशेदपुर औद्योगिक शहर समिति नहीं बन पाई तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ स्थानीय मंत्री ही जिम्मेदार हैं. अगर सफाई नहीं हो पा रही है तो इसका एकमात्र जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री हैं. खुद अध्यक्ष बनने के लिए इस आदमी ने सरकार से गलत काम कराया सरकार भी ऐसी कि उसने गलत काम किया.
श्री राय ने कहा कि उन्होंने अपने पीए से कहा कि बजट देखो और पता करो कि स्वास्थ्य विभाग में कितना धन खर्च हुआ है. मुझे लगता है कि बीते पांच साल में स्वास्थ्य विभाग में कम से कम 5000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. आखिर ये पैसा गया कहां?
एमजीएम हॉस्पिटल में सुधार नहीं
एमजीएम हॉस्पिटल में सुधार नहीं है. सदर अस्पताल में सुधार नहीं है. अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. घटिया दवा खरीदी जा रही है. अधिक कीमत पर दवाईयां खरीदी जा रही हैं. इस बात को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया. सरकार निरुत्तर थी. एंबुलेंस खरीद कर पड़ा हुआ है. एंबुलेंस में जो इंस्ट्रूमेंट चाहिए, वो गायब हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. कार्रवाई होनी चाहिए. सरयू राय ने कहा कि सरकार ने निर्णय किया कि कोरोना में जो अफसर-कर्मचारी काम कर रहे थे, उन्हें प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा. मंत्री ने अपना प्रस्ताव बढ़ा दिया कि हमको भी मिलना चाहिए. हमारे ऑफिस में जितने हैं, सभी को मिलना चाहिए. 59 लोगों के नाम जोड़ दिये. जब उन्होंने दस्तावेज के साथ मुख्यमंत्री को लिखा तो ये नहीं कहा मंत्री ने कि उसने भ्रष्टाचार किया. मंत्री यह कह रहे हैं कि मैंने उनके दफ्तर से कागज कैसे निकलवा लिया? हमने चोरी कर लिया. उन्होंने हमारे ऊपर एफआईआर करा दिया. श्री राय ने कहा कि बन्ना गुप्ता ने मेरे ऊपर कुल 6 एफआईआर कराये. जो गलत करेगा, उस पर कोई कार्रवाई नहीं. जो गलत काम का भंडाफोड़ करेगा, उस पर एफआईआर हो जाएगा. मानहानि का मुकदमा किया है.