Ranchi.झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस गाैतम कुमार चाैधरी की अदालत ने 166 करोड़ रुपये औद्योगिक सब्सिडी के भुगतान को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दाैरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. राज्य सरकार की ओर से बार-बार समय मांगे जाने पर नाराजगी जतायी तथा मामले को गंभीरता से लिया. अदालत ने राज्य सरकार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी में जमा कराने को कहा. अदालत ने कहा कि पहले के आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की ओर से वकील स्थगन ले रहे हैं. छह दिसंबर 2024 को इस आधार पर स्थगन मांगा गया था कि इन मामलों पर महाधिवक्ता को बहस करनी थी, जो अपनी बीमारी के कारण इस अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके और आज यह कहा जा रहा है कि इन मामलों पर बहस करनेवाले अधिवक्ता तृतीय बाहर हैं. बयान विरोधाभासी है और सद्भावनापूर्वक नहीं दिये गये प्रतीत होते हैं.
ऐसी स्थिति में प्रतिवादी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 17 जनवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सुमित गाडोदिया ने पैरवी की. उन्होंने अदालत को बताया कि प्रार्थी की ओर से पिछले वर्ष ही बहस पूरी कर ली गयी थी. मामले में राज्य सरकार को पक्ष रखना है. सरकार की ओर से महाधिवक्ता पक्ष रखेंगे, यह कह कर समय लिया जा रहा है.
वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गवर्नमेंट एडवोकेट-तृतीय को इन मामलों पर बहस करनी है, जो किसी व्यक्तिगत कारण से शहर से बाहर हैं और इसलिए वह स्थगन चाहते हैं. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डालमिया सीमेंट (भारत) लिमिटेड की ओर से याचिका दायर कर 166 करोड़ रुपये औद्योगिक सब्सिडी का भुगतान करने की मांग की गयी है.